लखनऊ। नोएडा में सुपरटेक बिल्डर द्वारा नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर बनाए गए ट्विन टावर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रविवार को विस्फोटक लगाकर जमींदोज कर दिए गए। इन दोनों टावरों के निर्माण में नियम-कायदों की अनदेखी के साथ ही जमकर भ्रष्टाचार किया गया था।
यूपी सरकार ने रविवार देर रात सुपरटेक ट्विन टावर मामले में संलिप्त रहे नोएडा प्राधिकरण के 26 अधिकारियों की लिस्ट जारी की है। इनमें से 6 मौजूदा अधिकारी हैं, जबकि एक की मौत हो चुकी है और बाकी 19 रिटायर्ड अधिकारी हैं। भ्रष्टाचार के आरोपी इन अधिकारियों में दो महिलाओं के नाम भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि इस लिस्ट को जारी कर यूपी सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त ऐक्शन की तैयारी शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक द्वारा नोएडा विकास प्राधिकरण के आला अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए ट्विन टावर्स को अवैध करार देते हुए पिछले साल 31 अगस्त को धराशायी करने का आदेश दिया था।
नोएडा में भ्रष्टाचार की इमारत जमींदोज : एसीएस अवस्थी
अवस्थी ने कहा कि पहली बार इतने बड़े निर्माण कार्य को भ्रष्टाचार की शिकायतों के कारण गिराया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी ट्विन टावर्स के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार कार्यकाल के दौर की अराजकता का प्रमाण बताया। उन्होंने ट्विन टावर्स को ध्वस्त किए जाने से पहले ट्वीट कर कहा, ”नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर अखिलेश यादव और सपा के शासनकाल के भ्रष्टाचार और अराजकता की नीति का जीवंत प्रमाण है। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार में सपा के भ्रष्टाचार की इमारत ढहेगी। यह है न्याय, यही सुशासन।”