नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. जयशंकर ने कहा कि चीन सीमा समझौते का उल्लंघन कर रहा है. और स्पष्ट रूप से इन समझौतों को दरकिनार कर रहा है. विदेश मंत्री रविवार को ब्राजील में एक कम्युनिटी प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे.
ब्राजील में भारतवंशियों का आभार जताया
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और ब्राजील के संबंध सद्भावना और बढ़ते सहयोग पर आधारित हैं. उन्होंने दोनों देशों के बीच सेतु के रूप में काम करने के लिए भारतवंशियों के प्रति आभार जताया. जयशंकर ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं. आज हम आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. देश का मिजाज बहुत आशावादी है. यह एक ऐसा भारत है जो बड़ी चीजों में सक्षम है. हमने यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान एक संगठित प्रयास के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को बाहर निकाला है.
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच गतिरोध की स्थिति है. दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. पहली बार दोनों पक्षों के बीच 5 मई 2020 को टकराव सामने आया था. पैंगांग झील इलाके में हिंसक झड़प हुई थी. गतिरोध खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच अब तक 16 राउंड की कोर कमांडर लेवल की बातचीत पूरी हो चुकी है. हालांकि, अब तक समाधान नहीं निकल सका है.
भारत, चीन के एकजुट होने पर ही एशियाई सदी संभव
वहीं, गुरुवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने थाईलैंड दौरे के दौरान भारत और चीन के मौजूदा संबंधों को लेकर खुलकर बातचीत की थी. जयशंकर ने एशिया की सदी (Asian century) की संभावना पर भी रुख स्पष्ट किया था. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के एक साथ आने पर ही एशिया की सदी का सपना साकार हो सकेगा. लेकिन अगर भारत और चीन एक साथ नहीं आए तो यह संभव नहीं हो पाएगा.
चीन ने सीमा पर जो किया, उससे संबंध मुश्किल दौर में
उन्होंने ये भी कहा था कि चीन ने सीमा पर जो किया, उसके बाद दोनों देशों के संबंध बहुत ही मुश्किल भरे दौर से गुजर रहे हैं. बता दें कि 15 जून 2020 को चीनी सैनिक गलवान घाटी में भारतीय सीमा में घुस आई थी, जिसके बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी.