मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कई मौकों पर अपना आपा खोती देखी गई हैं. उनके तल्ख तेवर कई बार चर्चा का विषय रहे हैं. एक बार फिर ममता बनर्जी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा है. इस बार उनका गुस्सा एक जिलाधिकारी पर फूटा है क्योंकि वे अपना काम ठीक तरीके से नहीं कर रहे थे.
दरअसल प्रशासनिक बैठक के दौरान स्थानीय तृणमूल नेता ने ममता को बताया कि ईट भट्टे से मिलने वाले राजस्व का कोई हिसाब किताब नहीं मिल रहा है और यह पैसा निचले स्तर के सरकारी अधिकारी खा रहे हैं. इतना सुनते ही ममता बनर्जी ने अपना आपा खो दिया और जिलाधिकारी से कहा कि आप इतने दिनों से काम कर रहे हैं. आपकी नजर में यह सब क्यों नहीं आता, अगर मेरी पार्टी के किसी सदस्य ने ऐसा किया होता तो मैं तमाचा मार देती. उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिलाधिकारी इतने लंबे समय से यहां काम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया. ममता ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि नीचे के अधिकारियों को उनकी सरकार की तरफ से इतनी सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन फिर भी वे इतने लालची क्यों हैं.
सीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि वे किसी भी कीमत पर गरीब की शिकायत को बर्दाश्त नहीं करेंगी, फिर चाहे वो कोई भी क्यों ना हो. ममता का बयान सुर्खियों में आ गया है. वे हमेशा से ही एक सख्त प्रशासक के रूप में जानी गई हैं. कई मौकों पर जनता के सामने भी वे अधिकारियों को लताड़ देती हैं. कुछ मौकों पर उन्होंने अपने पार्टी के नेताओं को भी खूब खरी खोटी सुनाई है.