लखनऊ। यूपी के प्रतापगढ की कुंडा सीट से 7 बार निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बनने वाले राजा भैया एक बार फिर चर्चा में हैं, सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिये राजा भैया अपनी पार्टी का बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकते हैं, इन अटकलों को राजा भैया के बयान से और बल मिला है, जिसमें उन्होने कहा है कि समान विचार वाले लोगों के साथ गठबंधन के विकल्प खुले हैं, आपको बता दें कि राजा भैया और बीजेपी के संबंध पहले से रहे हैं।
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया कल्याण सिंह तथा राजनाथ सिंह की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं, हालांकि मतभेद के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गये, बहुत कम लोग जानते हैं कि जिस कल्याण सिंह की सरकार में राजा भैया मंत्री थे, एक बार उन्हीं कल्याण सिंह ने राजा भैया के क्षेत्र कुंडा में जाकर उन्हें खुली चुनौती दी थी।
अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरने के बाद कल्याण सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि इस्तीफे के बावजूद एक धड़े में कल्याण सिंह और लोकप्रिय हुए, 1996 का विधानसभा चुनाव आया, तो बीजेपी ने कल्याण सिंह की लोकप्रियता को भुनाने का फैसला लिया, उनके चेहरे पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया, तमाम जगहों पर रैलियां करने के क्रम में कल्याण सिंह कुंडा भी पहुंचे, यहां उन्होने राजा भैया को चुनौती दे डाली थी। उन्होने अपने संबोधन में कहा था कि गुंडा विहिन कुंडा करौं, ध्वज उठाय दोउ हाथ, यानी कुंडा को गुंडों से मुक्त करने के लिये दोनों हाथों से झंडा उठाएं, हालांकि इस चुनाव में भी यहां से राजा भैया ही जीते, प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार बनी, तो राजा भैया को भी मंत्री बनाया गया, बाद में राजनाथ सिंह सरकार में भी मंत्री रहे।
2002 में बीजेपी विधायक पूरन सिंह बुंदेला ने राजा भैया पर किडनैपिंग और धमकाने के संगीन आरोप लगाये, सूबे की कमान तब मायावती के हाथ में थी, मायावती ने राजा भैया को पोटा के तहत जेल में डलवा दिया, उनके पिता उदय प्रताप सिंह और चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मायावती की सरकार गई तो मुलायम सिंह यादव सीएम बने, 2004 में राजा भैया जेल से बाहर आ गये, मुलायम ने ना सिर्फ राजा भैया के खिलाफ लगे सभी मुकदमे वापस लिये, बल्कि उन्हें अपने कैबिनेट में मंत्री भी बनाया, मुलायम ने तो कैमरे के सामने ही राजा भैया के शान में कसीदे पढे थे, उन्होने कहा था कि राजा भैया का ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जिसने किसी को गाली दी हो या थप्पड़ मारा हो।