केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे को गिरफ़्तारी के कुछ ही घंटों बाद जमानत मिल गई। राज्य सभा के सदस्य नारायण राणे को मंगलवार (24 अगस्त, 2021) को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर टिप्पणी करने का आरोप लगा कई धाराओं में 5 FIR दर्ज की गई थी। रायगढ़ के मलाड में मजिस्ट्रेट की अदालत में उन्हें पेश किया गया, जहाँ से उन्हें जमानत मिली।
नारायण राणे को उनकी गिरफ़्तारी के 9 घंटों बाद जमानत मिली। भाजपा इस दौरान मजबूती से नारायण राणे के साथ खड़ी रही। पार्टी ने कहा कि भले ही वो उनके बयान का समर्थन नहीं करती हो, लेकिन उनकी गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह भाजपा दफ्तरों पर हमले किए। मलाड, पुणे, जलगाँव, ठाणे और पुणे में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुए। उनकी जन-आशीर्वाद यात्रा पर पहले से कई FIR दर्ज हैं।
नारायण राणे को अदालत ने आदेश दिया है कि वो 31 अगस्त और 13 सितंबर को रत्नागिरी पुलिस के समक्ष हाजिरी दें। जाँच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए उन्हें आगे इस तरह के ‘अपराध’ न करने की चेतावनी भी दी गई है। लगभग आधी रात को नारायण राणे जमानत पर रिहा होकर बाहर निकले। उनकी गिरफ़्तारी के दौरान उन्हें भोजन भी नहीं करने दिया गया था। वीडियो में देखा गया था कि भोजन करने के वक्त ही 69 वर्षीय राणे को गिरफ्तार कर लिया गया था।
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने बताया कि नारायण राणे मुंबई पहुँच गए हैं। वो एक दिन आराम करेंगे और उसके बाद जन-आशीर्वाद यात्रा यथावत शुरू हो जाएगी। मलाड के मजिस्ट्रेट ने माना कि पुलिस ने गिरफ्तार से पहले हाईकोर्ट द्वारा बताए गए नियमों का पालन नहीं किया। इस सम्बन्ध में एसपी से जवाब माँगा गया है। पुलिस को आदेश दिया गया है कि वो 7 दिनों का नोटिस देकर वॉइस सैम्पल जुटाए।
नारायण राणे को 15,000 रुपए का पर्सनल बॉन्ड भरने के बाद जमानत मिली। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि सिंधदुर्ग में लोगों के जुटान पर प्रतिबंध हटना चाहिए, नहीं तो प्रतिबंध के बावजूद वहाँ जन-आशीर्वाद यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि कई बार अदालत ने सरकार को झटका दिया है, ऐसा नहीं चल सकता। नारायण राणे अब अपने खिलाफ FIRs के विरुद्ध बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करेंगे। नारायण राणे के बेटे विधायक नीतेश राणे ने करारा जवाब देने की चेतावनी भी दी है।
#Breaking | We will not hold protest now and our Jan Ashirwad Yatra will continue in Sindhudurg tells @ChDadaPatil, BJP to CNN News18 on the bail of Narayan Rane.
@vinivdvc shares details with @ridhimb pic.twitter.com/MuhgtPkZKa
— News18 (@CNNnews18) August 25, 2021
औरंगाबाद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारायण राणे की गिरफ़्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के पुतले भी जलाए गए। नारायण राणे के वकील ने नियम बताते हुए कहा कि गिरफ्तारी से पहले उन्हें नोटिस तक नहीं दिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि इस राज्य में शरजील उस्मानी खुला घूम रहा है और एक केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने इसे बदले की कार्रवाई बताया।
बता दें कि कभी शिवसेना में रहे नारायण राणे 1999 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे, जब बाल ठाकरे ने उनके नाम पर मुहर लगाई थी। साढ़े 8 महीने के उनके छोटे से कार्यकाल के बाद भाजपा-शिवसेना गठबंधन की हार हुई थी। जुलाई 2005 में बाल ठाकरे ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया, जिसके बाद वो कॉन्ग्रेस में गए थे। सितंबर 2017 में उन्होंने ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष’ नाम से अपनी पार्टी बनाई। हालाँकि, अक्टूबर 2019 में उन्होंने इसका भाजपा में विलय कर दिया।
आरोप के अनुसार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा था, “ये शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को ये नहीं पता कि हमें स्वतंत्र हुए कितने वर्ष हुए हैं। अपने भाषण के दौरान उन्होंने पीछे मुड़कर अपने सहयोगी से पूछा था। अगर मैं वहाँ होता तो उन्हें जोरदार थप्पड़ मारता।” मुंबई में नारायण राणे के घर के बाहर उनकी तस्वीरें जलाई गईं। शिवसेना के कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर उनके घर का घेराव करने पहुँचे थे।