नई दिल्ली। भारत आने वाले दिनों में तालिबान शासन को मान्यता देगा या नहीं, ये अभी तक तय नहीं है, भारत फिलहाल वेट एंड वाच की स्थिति में है, क्योंकि अफगानिस्तान में हालात अस्थिर हैं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अफगान के हालात पर पूरी तरह से नजर बनाये हुए है।
माना जा रहा है कि भारत का तालिबान को मान्यता देना लोकतांत्रित देशों की प्रतिक्रियाओं पर भी निर्भर करता है, आने वाले हफ्तों में अफगानिस्तान के नये आकाओं के आचरण पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है, ये पश्चिमी लोकतांत्रिक देश हो सकते हैं, क्वाड जैसे गुट जो एशियाई साझेदार हैं, जिन्होने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मिलकर काम किया है, भारत ऐसे देशों के साथ मिलकर तालिबान पर आगे का रास्ता तय करेगा।
अफगानिस्तान पर भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अफगान लोगों के साथ संबंध ऐतिहासिक हैं और ये जारी है, ये आने वाले दिनों में अफगानिस्तान के प्रति हमारे नजरिये को तय करेगा, शुरुआती दिन है, इस समय हमारा ध्यान भारतीय नागरिकों (अफगानिस्तान में) की सुरक्षा पर है, तालिबान के साथ बातचीत के सवाल पर उन्होने कहा कि इस समय हमारी नजर काबुल में तेजी से बदलते हालात पर हैं, तालिबान और उसके प्रतिनिधि काबुल में हैं, हमें उनसे वहां से बात करनी होगी।
दुनिया के कई देशों के साथ भारत पहले भी ये जता चुका है कि बंदूक की नोंक पर सत्ता हासिल करने वालों को मान्यता नहीं दी जाएगी, भारत, अमेरिका तथा चीन समेत 12 देश संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ ये फैसला पहले ही कर चुके हैं, वो अफगानिस्तान में किसी भी ऐसी सरकार को मान्यता नहीं देंगे, जो बलपूर्वक सत्ता हासिल करना चाहती है।