नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) पूरी तरह से हंगामे में धुल गया. बुधवार को सत्र खत्म हो गया, लेकिन मॉनसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा (Rajya Sabha) में जो हुआ, उसको लेकर सरकार और विपक्ष में जंग छिड़ गई है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि विपक्ष के सांसद राज्यसभा के वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान बड़ी संख्या में मार्शल सांसदों को रोकने का प्रयास करने में जुटे थे. वीडियो फुटेज में दिखा है कि सांसदों और मार्शल के बीच लगातार धक्का-मुक्की हुई.
इस दौरान कुछ सांसद मेज पर भी चढ़ते दिखाई दिए तो कुछ महिला सांसदों और लेडी मार्शल के बीच भी धक्का-मुक्की हुई.
विपक्ष और सरकार ने रखा अपना-अपना पक्ष
राज्यसभा की तीन महिला सांसदों द्वारा मार्शल पर पिटाई का आरोप लगाया गया है. इनमें फूलो देवी नेताम, अमी याग्निक और छाया वर्मा शामिल हैं. वहीं, सरकारी सूत्रों की ओर से राज्यसभा की कार्यवाही की डिटेल भी जारी की गई है, जिसमें राज्यसभा में हुए बवाल की जानकारी दी गई है. कब-क्या हुआ था…
• 06.02 PM: टीएमसी सांसद डोला सेन, शांता चतुर्वेदी ने सदन के वेल में नारेबाजी की.
• 06.22 PM: डोला सेना ने पीयूष गोयल, प्रहलाद जोशी का रास्ता रोकने की कोशिश की.
• 06.26 PM: नासिर हुसैन, प्रियंका चतुर्वेदी, अर्पिता घोष ने वेल में कागज़ों को फाड़ा.
• 06.31 PM: फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा ने लेडी मार्शल को खींचा और उसके सिर पर मारा.
• 06.33 PM: रिपुन बोरा ने मार्शल के ऊपर चढ़कर सदन की चेयर तक पहुंचने की कोशिश की.
• 06.40 PM: डेरेक ओ ब्रायन ने सदन में वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी.
• 07.04 PM: सदन के नेता द्वारा प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाया गया, विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया.
• 07.05 PM: अर्पिता घोष, एम. नूर और डोला सेन पहली बेंच पर ही खड़े हो गए.
बता दें कि विपक्ष द्वारा आरोप लगाया गया है कि राज्यसभा में जब इंश्योरेंस बिल जबरन पास किया जा रहा था, तब बाहर से कुछ मार्शल आए जिन्होंने सांसदों के साथ बदसलूकी की. इस दौरान महिला सांसदों को भी निशाना बनाया गया.
गुरुवार को करीब डेढ़ दर्जन विपक्षी पार्टियों ने संसद से लेकर विजय चौक तक साझा मार्च निकाला, बाद में राज्यसभा चेयरमैन वैंकेया नायडू से मुलाकात कर इस पूरी घटना की जांच करने की अपील की. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई है.
विपक्ष द्वारा लगातार सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है, तो सरकार का कहना है कि विपक्ष ने इस प्रकार का विरोध प्रदर्शन करके सदन की मर्यादा को तोड़ा है. सरकार की ओर से भी विपक्षी सांसदों पर एक्शन की मांग की गई है.