नॉर्थ-ईस्ट के राज्य असम और मिजोरम के बॉर्डर पर एक बार फिर से झड़प हुई है। शनिवार रात असम से मिजोरम जा रहे वाहनों पर 400-500 लोगों की भीड़ ने हमला बोल दिया। कई गाड़ियों के शीशे फोड़ दिए गए, ड्राइवरों को पीटा गया। घंटों तक अफरा-तफरी रही। बाद में जैसे-तैसे ड्राइवर अपनी जान बचाकर भागे।
![करीब 400 से 500 लोगों की भीड़ ने वाहनों पर हमला किया। कई वाहनों के शीशे टूट गए।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/08/new-project-3_1628405332.jpg)
दोपहर के 3 बजे हैं। सिलचर में मिजोरम हाउस से 9 वाहन मिजोरम जाने के लिए तैयार हैं। इनमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑयल, गैस जैसा जिंदगी बचाने वाला सामान रखा है। असम-मिजोरम के बीच संघर्ष चल रहा है इसलिए ट्रक ड्राइवर्स घबराए हुए हैं। उन्हें डर है कि रास्ते में कहीं भीड़ हमला न कर दे, लेकिन असम के कछार जिले के एसपी ने उनकी टेंशन दूर कर दी है। उन्होंने कहा कि असम पुलिस और सीआरपीएफ आपको सिक्योरिटी देगी। बॉर्डर क्रॉस करवाएगी।
3.30 बजे सभी 9 ट्रक सिलचर से निकलते हैं। इनके साथ दो वाहन असम पुलिस के हैं और एक वाहन सीआरपीएफ का है। कुछ ही दूर चलने पर सोनाबारीघाट में सभी ट्रकों को रोक दिया जाता है। उन्हें कहा जाता है कि आगे सिक्योरिटी चेक की जा रही है, इसलिए यहां रुकना होगा। करीब एक से डेढ़ घंटे तक सभी ट्रक यहां खड़े रहते हैं।
![वाहनों पर हमले के बाद रात करीब 8.30 बजे असम पुलिस आई और भीड़ को काबू में किया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/08/new-project-4_1628407106.jpg)
शाम 4.30 बजे के बाद काफिला फिर आगे बढ़ता है। ट्रक ड्राइवर्स को अंधेरा होने का डर है। वे उजाला रहते-रहते मिजोरम में दाखिल होना चाहते हैं, लेकिन असम के सबसे आखिरी टाउन लैलापुर तक पहुंचते-पहुंचते 6 बज जाते हैं। लैलापुर पहुंचते ही सिक्योरिटी के लिए साथ चल रही असम पुलिस की दो गाड़ियां गायब हो जाती हैं। सीआरपीएफ की गाड़ी भी नजर नहीं आती और 400 से 500 लोगों की भीड़ ट्रकों पर हमला कर देती है। भीड़ कांच फोड़ती है। ड्राइवर्स को पीटती है। 9 में से 2 ट्रकों के ड्राइवर अपने स्थानीय दोस्तों की मदद से गाड़ी छोड़कर भाग जाते हैं।
बाकी हुड़दंगियों के बीच घंटे भर फंसे रहते हैं। रात 8.30 बजे के करीब फिर असम पुलिस आती है और भीड़ को इधर-उधर करती है। सिलचर से निकले ट्रक दोबारा सिलचर के लिए ही लौट चुके हैं, उन ट्रकों को फिर सिलचर में स्थित मिजोरम हाउस में पार्क कर दिया है। इधर रात 9 बजे असम सरकार के मंत्री अशोक सिंघल, कछार के एसपी और डीसी लैलापुर पहुंच गए। उनके सामने फिर गाड़ियों का निकलना शुरू हो गया है। रात 9 बजकर 4 मिनट से ट्रकों की आवाजाही शुरू हो चुकी है।
रात 9.30 से सुबह 8.30 तक 29 वाहन आए
![शनिवार रात 8.30 बजे की घटना है। भीड़ ने भारी ईंट और पत्थरों से वाहनों पर हमले किए।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/08/new-project-2_1628405345.jpg)
मिजोरम पुलिस के मुताबिक, शनिवार रात 9.30 बजे से रविवार दोपहर 12 बजे तक 66 वाहन असम से मिजोरम आए, लेकिन जिन 9 वाहनों पर हमला हुआ था, उनमें से 7 दोबारा सिलचर लौट गए और दो देर रात मिजोरम आ सके। मिजोरम की मीडिया ऑफिसर मैजर कैरोलीन सवाल उठाती हैं कि जब असम पुलिस ने सिक्योरिटी का वादा किया था तो वे घटना के बाद भाग क्यों गए? वाहनों को अकेला क्यों छोड़ दिया गया।?
घटना के वक्त असम के मंत्री लैलापुर में ही थे, इसके बावजूद ये हुआ। वहीं मंत्री अशोक सिंघल ने ट्वीटर पर जानकारी दी कि रात 9 बजकर 4 मिनट से सभी वाहनों का आना-जाना शुरू हो गया था और किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आई है। इस मामले पर बात करने के लिए हमने कछार के एसपी को तीन बार फोन किया, लेकिन उनका फोन नहीं लगा। उनके लैंडलाइन नंबर पर दो बार फोन किया गया, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया।
![भीड़ ने 9 गाड़ियों को निशाना बनाया। ये सभी वाहन सामान लेकर असम से मिजोरम जा रहे थे।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/08/new-project-1_1628405354.jpg)