टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोशल मीडिया कंपनियों के लिए गाइडलाइन जारी की है. दरअसल ये सोशल मीडिया पर रेग्यूलेशन लाने के बारे में है.
मंत्री ने कई प्वाइंट गिनाए जिनमें से एक ये भी है कि कोई सोशल मीडिया पर खुराफात कर रहा है तो कंपनी उनका ऑरिजिन पता लगाए. लेकिन WhatsApp का कहना है कि वो ऐसा नहीं कर सकता.
WhatsApp ने काफी पहले भी ये कहा था कि हम एंड टु एंड एन्क्रिप्शन की वजह से ये नहीं पता लगा सकते हैं कि मैसेज किसने और कहां से किया है. इससे पहले भी सरकार की तरफ से ऐसी मांग की गई थी. लेकिन इस बार ये मांग नहीं, बल्कि गाइडलाइन है. अगर WhatsApp इस गाइडलाइन को फॉलो करने से मना कर देता है तो ऐसे में क्या होगा? WhatsApp बैन कर दिया जाएगा?
WhatsApp ने इसे लेकर पहले ही साफ कर दिया है कि WhatsApp पर ये नहीं पता लगाया जा सकता है कि किसी मैसेज का ऑरिजिन क्या है. ऐसे में क्या अब WhatsApp गाइडलाइन न माने तो क्या होगा? क्या भारत में बैन कर दिया जाएगा?
फिलहाल हमने WhatsApp से इस गाइडलाइन को लेकर स्टेटमेंट मांगा है और स्टेटमेंट मिलते ही हम अपडेट करेंगे.
एंड टु एंड एन्क्रिप्शन की वजह से नहीं मुमकिन…
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक अपने प्लैटफॉर्म को लकेर ये कहती है कि एंड टु एंड एन्क्रिप्शन की वजह से लोगों का ऑरिजिन पता लगाना मुश्किल होता है.
आम तौर पर WhatsApp पर कुछ मैसेज वायरल हो जाते हैं. कुछ ऐसे भी मैसेज होते हैं जिनसे दंगे भड़कते हैं. ऐसे में एंड टु एंड एन्क्रिप्शन यूज करने वाली कंपनियों के लिए ये पता लगाना मुश्किल है कि मैसेज की शुरुआत कहां से हुई.
WhatsApp ने पहले भी मना किया है…
WhatsApp की ये दलील रही है कि WhatsApp में एंड टु एंड एन्क्रिप्शन चैट होने की वजह से ये पता लगाना मुमकिन नहीं है कि मैसेज का ऑरिजनेटर कौन है.
ये पहला मौका नहीं है कि भारत की तरफ से ऐसा कहा जा रहा है. इससे पहले भी एक सरकार की तरफ से कहा गया था कि WhatsApp एक ऐसा टूल बनाए जो ये पता लगाए की ऑरिजिनेटर कौन है. मैसेज कहां से जेनेरेट किया गया.
WhatsApp ने तब ये जवाब दिया था कि ऐसा करना मुमकिन नहीं है. WhatsApp ने कहा था कि अगर ऐसा किया जाए तो WhatsApp का सोल खत्म हो जाएगा और जो वॉट्सऐप की खासियत है वो रहेगी ही नहीं. वॉट्सऐप ने ये भी कहा था कि अगर ऐसा किया गया तो ये WhatsApp यूजर्स की प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ होगा.
एंड टु एंड एन्क्रिप्शन के बारे में साधारण शब्दों में बताएं तो ये एक एन्क्रिप्शन मेजर है जिसकी वजह से सेंडर और रिसीवर के अलावा कोई भी तीसरा शख्स या एजेंसी मैसेज नहीं देख सकते हैं. एंड टु एंड एन्क्रिप्शन में मैसेज के ऑरिजन को ट्रेस कर पाना भी मुमकिन नहीम होता है.