नई दिल्ली। पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की याचिका को लंदन की अदालत ने आज गुरुवार को ठुकरा दिया है. कोर्ट ने उसके भारत प्रत्यर्पित किए जाने को अपनी मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने कहा कि भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष है.
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज सैमुअल गोजी ने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि नीरव मोदी को भारत में कई सवालों के जवाब देने हैं. जज ने यह भी कहा कि नीरव मोदी की ओर से दिए कई आपस में मेल नहीं खाते हैं. साथ ही यह भी कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अगर उन्हें प्रत्यर्पित किया गया तो उनके साथ न्याय नहीं होगा. कोर्ट ने मानसिक सेहत को लेकर लगाई गई याचिका को ठुकरा दिया है.
हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद नीरव मोदी के पास ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प होगा. फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर सकता है.
कोर्ट ने यह भी कहा कि गवाहों को धमकाने की कोशिश भी गई. कोर्ट ने भारत में जेलों के हालात को लेकर संतुष्टि जताई.
ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है. उम्मीद है कि 13,000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड केस में उसे भारत भेजा जा सकता है. कोर्ट ने उसे भारत भेजने को लेकर पिछले महीने सुनवाई के दौरान 25 फरवरी की तारीख तय की थी.
क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने कोर्ट को यह भी बताया था कि नीरव मोदी ने बैंक अधिकारियों के साथ साजिश रचने के बाद अपनी 3 फर्मों (डायमंड्स आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स) का इस्तेमाल कर बैंक को धोखा दिया. कोर्ट के सामने यह भी कहा गया कि नीरव मोदी ने गवाह को जान से मारने की धमकी दी थी.