भारतीय टीम के बाहर होने के बाद ओपनर पृथ्वी शॉ ने धमाकेदार वापसी की है। विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई के कप्तान के तौर पर उतरे इस 21 साल के बल्लेबाज ने गुरुवार को दमदार दोहरा शतक जमाया। पुडुचेरी के खिलाफ 227 रन की पारी खेलने के साथ ही पृथ्वी ने एक ऐसा कमाल किया जिससे उन्होंने दुनिया के बड़े कप्तानों को पीछे छोड़ दिया। कप्तान पृथ्वी के 227 रन की पारी के दम पर मुंबई ने 457 रन बनाकर टूर्नामेंट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया।
बतौर कप्तान पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने उतरे पृथ्वी शॉ ने इतिहास रच दिया है। दिल्ली के खिलाफ दमदार शतक जमाने वाले ओपनर ने इस मैच में आतिशी पारी खेली और दोहरा शतक जमाया। 152 गेंद पर पृथ्वी ने 31 चौके और 5 छक्के की मदद से 227 रन की विशाल पारी खेली। इस दौरान उन्होंने किसी भी सीरीज में पहली बार कप्तानी करते हुए सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड बनाया।
पृथ्वी ने छोड़ा दिग्गजों को पीछे
पुडुचेरी के खिलाफ खेली गई 227 रन की नाबाद पारी के दौरान पृथ्वी ने पूर्व इंग्लिश कप्तान ग्रीन पोलक का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने ईस्ट लंदन की कप्तानी करते हुए बॉर्डर की टीम के खिलाफ 222 रन की नाबाद पारी खेली थी। वहीं वीरेंद्र सहवाग ने इंदौर में वेस्टइंडीज के खिलाफ 219 रन की पारी खेली थी वहीं श्रीलंका के खिलाफ कप्तानी का जिम्मा संभाल रहे रोहित ने 208 रन की नाबाद पारी खेली थी।
पृथ्वी ने बनाए कई रिकॉर्ड
पुरुषों की लिस्ट ए क्रिकेट में यह किसी भी कप्तान द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है। विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे बड़े निजी स्कोर का रिकॉर्ड पृथ्वी के नाम दर्ज हो गया है। इससे पहले संजू सैमसन ने टूर्नामेंट में 212 रन की सबसे बड़ी पारी खेली थी। पृथ्वी टूर्नामेंट के दौरान एक मात्र ऐसे बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने दो बार 450 रन के लिस्ट ए के टीम स्कोर की हिस्सा है। पुरुष लिस्ट ए क्रिकेट में एक पारी में सबसे ज्यादा चौके लगाने के मामले में पृथ्वी दूसरे स्थान पर हैं।