मॉडलिंग का मौका देने के नाम पर लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) ने मंगलवार (अगस्त 18, 2020) को मशहूर निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट समेत कई गवाहों के बयान दर्ज किए।
महिला आयोग ने इस जवाब को ट्विटर पर साझा किया। इसके बाद अपने जवाब में महेश भट्ट ने कहा कि उनके नाम और फोटो का ग़लत इस्तेमाल किया गया है। आयोग ने सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना द्वारा दायर एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद महेश भट्ट, सोनू सूद, उर्वशी रौतेला, मौनी रॉय, रणविजय सिंह, प्रिंस नरूला और ईशा गुप्ता को समन जारी किया था।
ऑनलाइन सुनवाई के लिए आयोग के सामने उपस्थित हुए महेश भट्ट ने बयान जारी कर कहा, ”मैं राष्ट्रीय महिला आयोग को सैल्यूट करता हूँ कि उन्होंने ऐसी कुछ संस्थाओं को चिन्हित कर उन पर कड़ाई की है, जो इंडस्ट्री में महिलाओं संग यौन उत्पीड़न को बढ़ावा देती हैं और इंडस्ट्री का नाम खराब करती हैं। इसके लिए मैं नेशनल कमिशन फॉर वुमन का आभारी हूँ। मैं आज अपने ऊपर लगे आरोपों के संदर्भ में कमिशन के समक्ष हाजिर हुआ। आईएमजी वेंचर ने नवंबर 2020 में अपने प्रमोशनल इवेंट मिस्टर और मिसेज ग्लैमर, 2020 में मेरा नाम का इस्तेमाल किया और मुझे आमंत्रण दिया कि मैं इवेंट का हिस्सा बनूँ।”
भट्ट ने कहा, “इसी के संदर्भ में मुझे कमिशन के सामने हाजिर होना पड़ा। मगर मैंने मौजूदा हालातों का हवाला देकर शो में शिरकत करने से मना कर दिया था। मैं इस इवेंट को लेकर किसी भी प्रकार के एग्रीमेंट में नहीं था और ना ही इसके लिए मुझे कोई फीस दी गई थी। मगर दुर्भाग्यवश मेरा नाम और मेरी इमेज का इस्तेमाल सोशल मीडिया द्वारा इस इवेंट के संदर्भ में मेरी सहमति के बिना किया गया। जब मैंने इस बारे में उनसे पूछा तो उन्होंने इसके लिए मुझसे माफी माँगी। इसके बाद मेरी इमेज और नाम को हर जगह से हटा दिया गया।”
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्तायोगिता भयाना ने अपनी शिकायत में आईएमजी वेंचर नाम की कंपनी के प्रमोटर सनी वर्मा के खिलाफ आरोप लगाया है कि उसने मॉडलिंग में करियर बनाने का मौका देने के बहाने कई लड़कियों को ब्लैकमेल और उनका यौन शोषण किया है। भयाना ने अपनी शिकायत में कहा था कि कई टीवी और फिल्म एक्टर एक वीडियो विज्ञापन के जरिए उसकी कंपनी को प्रमोट कर रहे हैं।
योगिता भयाना द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा को लिखे गए एक शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया था कि सनी वर्मा अपनी कंपनी के माध्यम से मिस एशिया प्रतियोगिता के आयोजन के बहाने लड़कियों को इस दावे के साथ बुलाता है कि इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बाद वह मॉडल बन जाएँगी।