कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार पर जासूसी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार राजभवन को निगरानी में रख रही है। उनके मुताबिक़ इस कदम से राजभवन की पवित्रता पर प्रभाव पड़ेगा। पत्रकारों से बात करते हुए जगदीप धनखड़ ने इस मुद्दे पर कई बातें कहीं।
उन्होंने कहा “मैं आपको बताना चाहता हूँ कि राजभवन सर्विलांस पर है। ऐसे कदम राजभवन की शुचिता कम करते हैं। मैं राजभवन की पवित्रता बरकरार रखने के लिए जितना कुछ हो पाएगा, सब करूँगा।” उन्होंने यह भी कहा कि राजभवन ने सर्विलांस से जुड़ी एक सूची तैयार की है। जिसे उनके आदेश के बाद जारी किया जा सकता है।
इस मामले की एक जाँच भी शुरू कर दी गई है, जिससे सच्चाई सामने आ सके। बीते दिन (15 अगस्त 2020) स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजभवन में परंपरागत समारोह का आयोजन था। इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई थीं। राज्यपाल ने इस मुद्दे पर ममता बनर्जी की कड़ी आलोचना की थी। उनका कहना था कि वह इस बात से स्तब्ध हैं।
रविवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं। जिस पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि संविधान से दूरी बनाने की एक और घटना सामने आई है। राज्यपाल धनखड़ ने इसके आगे लिखा:
“राज्य में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई है और राजनीतिक हिंसा और हत्याएँ चरम पर हैं। लेकिन राज्य सरकार ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठा रही है। लोगों में न तो संविधान के प्रति आस्था है और न ही क़ानून का भय।”
उन्होंने उस घटना का भी ज़िक्र किया था, जब ममता बनर्जी ने तबलीगी जमात के लोगों द्वारा कोरोना वायरस फैलाने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा था, “मुझे सांप्रदायिक सवाल नहीं पूछे जाएँ।” जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में यह भी लिखा था कि एक अपराधी कभी निर्दोष को नहीं बचा सकता है।