नई दिल्ली। भारतीय टैक्स अधिकारियों द्वारा चीनी संस्थाओं से जुड़ी फर्जी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेन-देन के खुलासे के एक दिन बाद चीनी दूतावास ने आज दिल्ली में कहा कि विदेशी सरकारों और संबंधित विभागों को चीनी नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कानून को बिना भेदभाव के लागू करना चाहिए.
दूतावास ने कहा कि विदेशों में रहने वाले चीनियों हमेशा स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करना जरूरी है और आगे कहा कि हम ये भी चाहते हैं कि विदेशी सरकारों और संबंधित विभागों को चीनी नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कानून को निष्पक्षता के साथ लागू करना चाहिए.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने कहा है कि जांच में ये पाया गया कि चीनी व्यक्तियों ने डमी संस्थाओं में 40 बैंक अकाउंट्स बनाए हुए थे, जिसमें 1000 करोड़ रुपए तक का क्रेडिट पाया गया. कथित तौर पर हवाला लेनदेन में शामिल एक चीनी नागरिक, जिसे लुओ सांग के नाम से जाना जाता है, इसने तो भारतीय पासपोर्ट पर चार्ली पेंग के नाम से एक नकली पहचान ही तैयार कर ली. आरोप है कि इस नकली पासपोर्ट को मणिपुर से बनवाया गया है.
बताया जा रहा है कि टैक्स विभाग के अधिकारियों ने नकली पासपोर्ट रखने से जुड़ी ये जानकारियां पुलिस विभाग के अधिकारियों को दे दी हैं. सीबीडीटी ने एक बयान जारी करके कहा है कि जांच में ये पाया गया कि एक—एक चीनी व्यक्ति ने अलग अलग डमी संस्थाओं में 40 बैंक अकाउंट्स बनाए हुए थे, जिसमें 1000 करोड़ रुपए तक का क्रेडिट पाया गया.
इसमें आगे कहा गया है कि बैंक कर्मचारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की सक्रिय भागेदारी के साथ हवाला लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के तमाम दस्तावेज मिले हैं.