जोधपुर। जोधपुर ग्रामीण क्षेत्र के देचू थाना इलाके के लोड़ता अचावता गांव में 11 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। 11 लोगों की एक साथ मौत की खबर से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। यह सभी लोग पाक शरणार्थी बताए जा रहे हैं ,जो कि कृषि कार्य के लिए खेत में रुके हुए थे।
आज सुबह खेत के मध्य बने कमरे में मिले इन के शव मिलने से आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर जुटे हैं मौत के कारणों का कारण पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रथम दृष्टया जहरखुरानी का अंदेशा व्यक्त किया गया है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।
प्रारंभिक जानकारी में यह सामने आया है कि यह सभी लोग एक ही परिवार के हैं और लोड़ता अचावता गांव में कृषि कार्य के कारण खेत में ही डेरा डाले थे और खेत के मध्य बने एक कमरे में रुक कर गुजर-बसर करते थे । सभी पाकिस्तान से आये शरणार्थी बताए जा रहे हैं। परिवार का एकमात्र सदस्य जिंदा बचा है। वह रात को अपने घर से दूर जाकर एक रेतीली जगह पर सो गया था। सूचना मिलने के बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे है और जांच कर रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन्होंने या तो खुदकुशी की है या किसी जहरीली गैस या जहरीला खाना खाने से इनकी मौत हुई है। मोके पर पहुची पुलिस टीम ने अनुसंधान शुरू कर दिया है।जोधपुर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह भी मौके पर पहुचे और स्थिति का जायजा लिया।
मिली जानकारी के अनुसार घटना लोड़ता अचलावता गांव की है। यहां कुछ पाक विस्थापित खेती का काम करते हैं। खेत के मध्य एक नलकूप पर बने घर में यह सभी सदस्य रात में सो रहे थे। वहीं घर से दूर जाकर सो रहा परिवार का ही एक युवक केवलराम सुबह उठकर यहां आया तो उसने देखा कि एक साथ 11 सदस्यों के शव पड़े हैं। उसके चिल्लाने पर आसपास के खेतों से लोग भागकर पहुंचे। बाद में पुलिस को सूचना दी गई। ये सभी पाकिस्तान से विस्थापित है और यहाँ किराए पर खेती करते थे। ये सभी भील जाति के लोग हैं। घटना की जानकारी पर देचू थानाधिकारी हनुमानाराम मोके पर पहुंचे। पुलिस ने घर के आसपास का पूरा इलाका सील कर दिया है। वहीं एफएसएल टीम भी मौके पर पहुची है मोके से साक्ष्य जुटा रही है। वहीं परिवार से मात्र एक जीवित बचे केवलराम से पूछताछ की जा रही है। घटना की इत्तला मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर पहुचे। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राहुल बहारठ के अनुसार मामले में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। पुलिस आपसी रंजिश सहित सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच में जुटी है, जिससे कि मामले की तह में जाकर स्थिति स्पस्ट की जा सके। इधर मामले में स्थानीय लोग भी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
पूरे परिवार में सिर्फ बुधाराम का बेटा केवलराम (37) ही जिंदा बचा। वह रात को दूर टीले पर जाकर सोया था और सवेरे खेत के मध्य बने कमरे में पहुचने पर उसने ही हल्ला कर इन संदिग्ध मौतों की जानकारी दी थी, जिसके बाद आस पास के खेतों के लोग मौके पर आए और पुलिस को इत्तला दी गयी। उसके माता-पिता, एक भाई और तीन बहनों के अलावा दो बेटों और दो बेटियों की मौत हुई है। पुलिस केवलराम से पूछताछ कर रही है, लेकिन अभी तक मामले का खुलासा नहीं हो पाया है।
ये सभी मृतक एक ही परिवार के
सभी पाक विस्थापित परिवार के लोग भील जाति के है। जो यहां आकर जीवन यापन के लिए मजदूरी और कृषि का काम करते हैं। मृतकों में बुधाराम (75), अंतरा देवी पत्नी बुधाराम (70), बुधाराम की बेटियां लक्ष्मी (40), पिया (25), बेटा रवि (35), केवलराम की बेटियां सुमन (22), दिया (5), तैन (17), मुकदश (16), दयाल (11) और दानिश (10) की मौत हुई है।
इनका कहना है:-
आज सुबह सूचना मिली कि देचू के लोड़ता गांव में पाक विस्थापित परिवारों के 11 लोगों के शव उनके झोपें मेंं मिले है। इनमें परिवार का केवल एक सदस्य जीवित मिला है। जिससे पूछताछ चल रही है। मौत प्रथम दृष्टया संदिग्ध प्रतीत होने के साथ वहां पर दवाई की बू आ रही है। अंदेशा है किसी कीटनाशक से इनकी मौत हुई है। शवों को पोस्टमार्टम कार्रवाई के लिए अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया गया है।