आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव इस समय सोशल मीडिया पर हिंदुओं की संस्कृति तहत-नहस करने वाले ‘क्रिस्टो इस्लामी’ प्रयासों की बखिया उधेड़ रहे हैं। वे मीडिया, सिनेमा जगत और शिक्षा व्यवस्था का उदाहरण देते हुए इन क्षेत्रों में काबिज ऐसे तत्वों का खुलासा कर रहे हैं जिनका लक्ष्य हिंदुत्व को बर्बाद करना रहा है। उनका यह रवैया लेफ्ट इकोसिस्टम के दायरे में फिट नहीं बैठता तो मीडिया गिरोह के दिग्गज उन्हें उन्मादी करार दे रहे हैं।
द वायर के सह संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन ने ट्विटर पर लिखा कि एक ऐसा वरिष्ठ अधिकारी जिसे आलोक वर्मा के बाद सीबीआई का प्रमुख बनाया गया वह साम्प्रदायिक उन्माद फैला रहा है। फिर वरदराजन अपनी बात में नरेंद्र मोदी, अमित शाह और RSS को खींच लाते हैं। आरएसएस की मुस्लिम विरोधी छवि पर भी बात कर लेते हैं।
इस ट्वीट को देखते हुए स्तंभकार व वकील दिव्या कुमार सोती ने वरदराजन को रिप्लाई करते हुए कहा कि उनके जैसे लोगों ने अपना पूरा करियर हिंदुओं को तबाह करने वाले बिंदुओं पर अमल करके ही बनाया है। इसके जवाब में वरदराजन अनजाने में स्वीकार कर लेते है कि उन्होंने अपना करियर इसी प्रकार बनाया है। वे कहते हैं अगर पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा बताए बिंदुओं पर चलकर कोई करियर बना सकता है, तो फिर उन्हें नकारना भी एक तरह से करियर को आगे बढ़ाने का रास्ता है? है न? नागेश्वर राव यही तो कर रहे हैं।
इसके बाद दिव्या अपने ट्वीट में द वायर के अमेरिकन पत्रकार को कहते हैं कि अनजाने में ही सही लेकिन असलियत बाहर आ गई। सिद्धार्थ मानते हैं कि उन्होंने हिंदुओं की सभ्यता के ख़िलाफ़ काम करके अपना करियर बनाया है। दिव्या आगे कहते हैं कि सिद्धार्थ हिंदुत्व को अंधविश्वास का एक संग्रह बताने के साथ-साथ इब्राहमी शिक्षा और इब्राहमी मीडिया के लिए काम करते थे, जिनसे हिंदू बर्बाद हों।
गौरतलब हो कि द वायर के संस्थापक की ये सारी पोल नागेश्वर राव के ही एक ट्वीट पर खुली है। जिसमें उन्होंने लेफ्ट इकोसिस्टम को आहत करते हुए क्रमानुसार कुछ बिंदु लिखे थे। इन बिंदुओं में इस बात का उल्लेख था कि हिंदू सभ्यता का इब्राहिमीकरण करने के लिए क्या-क्या किया जाता है।
इस ट्वीट के अंतर्गत ही नहीं द वायर पर हाल में एक आर्टिकल भी पब्लिश हुआ है जो बताता है कि वे हिंदू सभ्यता के ख़िलाफ़ किस तरह से कवरेज कर रहे हैं। इस आर्टिकल में द वायर ने बताया है कि कैसे मुस्लिमों का अधिकार हिंदुस्तान पर हिंदुओं से भी ज्यादा है। जबकि अन्य मौकों पर ये इस बिंदु पर काम करते हैं कि हिंदुस्तान में हिंदुओं की कट्टरता का शिकार मुस्लिमों को होना पड़ रहा है।
बता दें, अभी हाल में द वायर पर एफआईआर भी हुई थी। ये एफआईआर सीएम योगी पर झूठ फैलाने के लिए हुई थी। इसके अलावा इन्होंने एक न्यूज प्रकाशित की थी जिसमें द वायर ने मुस्लिमों को बेचारा और साम्प्रदायिक दंगों का शिकार दिखाने के लिए दिल्ली दंगों पर पुलिस की जाँच पर सवाल खड़े कर दिए थे।