लखनऊ। उज्जैन के महाकाल मंदिर से कुख्यात अपराधी विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ के दो वकीलों को भी उज्जैन से पुलिस हिरासत में लिया गया है। ये दोनों वकील निजी गाड़ी से उज्जैन गए थे। पुलिस उनसे विकास दुबे से कनेक्शन की जांच कर रही है।
पुलिस को आशंका है कि कहीं इन्होंने ही तो विकास दुबे की मदद नहीं की क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस को चकमा देते हुए विकास मध्य प्रदेश कैसे पहुंच गया ये बड़ा सवाल है। पुलिस उसके गुर्गों का सफाया करने में लगी रही और विकास दुबे उज्जैन पहुंच गया। अब सवाल उठ रहा है आखिर वहां तक पहुंचने में विकास की मदद कौन कर रहा था।
कहा तो यह जा रहा था कि उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे सभी राज्यों की पुलिस विकास दुबे को लेकर हाई अलर्ट पर थी, बावजूद इसके वह कानपुर से दिल्ली होते हुए हरियाणा के फरीदाबाद शहर जा पहुंचा था। इसके बाद हरियाणा से मध्यप्रदेश तक आ गया। यहां पुलिस की चुस्ती और मुस्तैदी पर सवाल उठना लाजमी भी है। आखिर राज्यों की सीमा और टोल नाकों पर तैनात पुलिसकर्मी और सीसीटीवी कैमरे क्या केवल खानापूर्ति के लिए लगे हुए थे।
बुधवार तक विकास दुबे की लोकेशन फरीदाबाद और एनसीआर बताई जा रही थी लेकिन यहां से वो उज्जैन कैसे पहुंचा, ये सवाल अब भी अनसुलझा है। फरीदाबाद से उज्जैन तक का सफर सड़क मार्ग से करने पर कम से कम 14 घंटे का समय लगता है। दोनों शहरों के बीच की दूरी लगभग 774 किलोमीटर है। अब इस सवाल का जवाब या तो पुलिस दे सकती है या फिर खुद विकास की वो उज्जैन कैसे पहुंचा।