विराट कोहली के खिलाफ बीसीसीआइ के एथिक्स ऑफिसर जस्टिस डीके जैन को एक शिकायत भेजी गई है जिसमें कहा गया है कि उन्होंने लोढ़ा समिति की सिफारिशों का उल्लंघन किया है। विराट के खिलाफ ये शिकायत उसी संजीव गुप्ता ने दर्ज कराई है जिन्होंने सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई थी।
विराट को खिलाफ जो शिकायत दर्ज कराई गई है उसमें कहा गया है कि वो दो पोस्ट पर हैं। एक तो वो टीम इंडिया के खिलाड़ी व कप्तान हैं साथ ही वो एक खेल विपणन कंपनी के डायरेक्टर के पद पर भी हैं जो जो भारतीय क्रिकेटरों को अनुबंधित करता है। शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया और कहा कि यह बीसीसीआइ के नियम 38 (4) का सरासर उल्लंघन है जिसे भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि पिछले छह साल में जो इस तरह की बातें हुई हैं उसका पैटर्न एक ही है। आप ईमेल और उसकी भाषा को देख लीजिए, मंशा साफ पता चल रही है कि यह सफल लोगों के दामन पर दाग लगाने की कोशिश है। इसके पीछे कोई न कोई प्रेरणा है। इस तरह की शिकायत के लिए वैधस्थिति का अधिकार जरूरी है। नहीं तो इस तरह के इमेल का कोई अंत नहीं होगा।
वहीं भारतीय कप्तान के एक करीबी ने कहा कि ये निराश करने वाली घटना है। क्रिकेटरों की भी जिंदगी है और वो भी पैसा कमाना चाहते हैं। इस तरह की शिकायतों से वो मानसिक तौर पर परेशान होंगे और उनका प्रदर्शन प्रभावित होगा। इस तरह के लोग सिर्फ पब्लिसिटी के लिए ये करते हैं पर उन्हें ये पता नहीं होता कि इसका क्या असर होगा। इस तरह की बातें खेल के लिए ठीक नहीं है।
वहीं, डीके जैन ने कहा कि वह भारतीय कप्तान विराट कोहली के खिलाफ मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता द्वारा दायर हितों के टकराव की शिकायत की जांच कर रहे है। गुप्ता ने इससे पहले भी दूसरे खिलाडि़यों के लिए खिलाफ इस तरह के आरोप लगाए थे, जिन्हें बाद में खारिज कर दिया गया था। जैन ने कहा कि मुझे एक शिकायत मिली है। मैं इसकी जांच करूंगा और फिर देखूंगा कि कोई मामला बनता है या नहीं। अगर मामला बनता है तो मुझे जवाब देने के लिए उन्हें (कोहली) एक मौका देना होगा।
गुप्ता ने दावा किया कि कोहली कॉर्नरस्टोन वेंचर पार्टनर्स एलएलपी और विराट कोहली स्पोर्ट्स एलएलपी में निदेशक है। इस कंपनी में अमित अरूण सजदेह (बंटी सजदेह) और बिनॉय भरत खिमजी भी सह-निदेशक है। ये दोनों कॉर्नरस्टोनस्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड का हिस्सा है। कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड में कोहली की भूमिका नहीं है। यह कंपनी भारतीय कप्तान के अलावा केएल राहुल, रिषभ पंत, रवींद्र जडेजा, उमेश यादव और कुलदीप यादव सहित कई अन्य खिलाडि़यों के व्यावसायिक हितों का प्रबंधन करती है।
गुप्ता ने अपनी शिकायत में लिखा, उपरोक्त के मद्देनजर, विराट कोहली का एक समय में पद संभालना भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित बीसीसीआइ नियम 38 (4) का उल्लंघन है। उन्हें इसका अनुपालन करते हुए अपने एक पद को त्यागना होगा। पिछले महीने जैन के कार्यकाल के एक साल तक बढ़ने के बाद यह पहला बड़ा मामला है।
अपने पहले कार्यकाल के दौरान जैन ने भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाजों राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और कपिल देव के खिलाफ हितों की शिकायतों का निपटारा किया था। ये सभी शिकायतें गुप्ता ने की थी जिसके बाद इन दिग्गज खिलाडि़यों को एक पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में इन शिकायतों को खारिज कर दिया गया था। बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पहले ही कहा है कि लोढ़ा समिति द्वारा निर्धारित हितों के टकराव का मानदंड यथार्थवादी नहीं है।