कानपुर। शिक्षा विभाग के बहुचर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण की जांच पुलिस तेजी से कर रही है. इस प्रकरण में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. ताजा घटनाक्रम कानपुर देहात में हुआ, जब अलीगढ़ पुलिस को यहां के रसूलाबाद में में अनामिका शुक्ला का बैंक अकाउंट सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में मिला. यहां ग्रामीणों ने उसकी पहचान बबली के तौर पर की.
अलीगढ़ पुलिस पहुंची कानपुर के रसूलाबाद
यूपी के शिक्षा विभाग के कई कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में फर्जी तरीके से एक साथ नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग ने अलीगढ़ में पुलिस को शिकायत दर्ज कराते हुए कार्यवाही की मांग की थी. जिसके बाद अलीगढ़ पुलिस ने जांच शुरू कर दी. जैसे जैसे जांच आगे बढ़ी तो सबके होश उड़ गए. अनामिका कई विद्यालयो में फर्जी तरीके से नौकरी करने के साथ वेतन भी उठा रही थी. अब इसके तार यूपी के कानपुर देहात जिले के रसूलाबाद तक पहुंच गए, क्योंकि अनामिका ने अपनी नौकरी में रसूलाबाद के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का अकाउंट लगाया था.
वेतन का ऑनलाइन विड्रॉल करती रही अनामिका
इस अकाउंट में कई बार वेतन भी आया जिसको ऑनलाइन तरीके से विड्रॉल करा लिया गया. पुलिस इस मामले की जांच के लिए रसूलाबाद पहुंची. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बैंक मैनेजर से पूछताछ की, जिसके बाद पुलिस ने खाता सील करते हुए दस्तावेज इकट्ठा करके ले गई. रसूलाबाद शाखा के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक आर एन कोहली का कहना है अनामिका शुक्ला के नाम पर शाखा में खाता खुला है. खाते से एटीएम के जरिये लगभग ₹93000 निकाला गया है, वहीं एक बार ₹20000 विड्रॉल से भी निकाला गया. अनामिका खुद कभी भी बैंक की शाखा में नहीं गई.
रसूलाबाद के चंदनपुरवा की ‘बबली’ है अनामिका
पुलिस जांच में बैंक के खाते में उसका नाम अनामिका पत्नी हरिओम निवासी रसूलाबाद के चन्दनपुरवा लिखा मिला, लेकिन फोटो अलग थी. जिसके बाद पुलिस ने गांव पहुंचकर पूछताछ की. यहां लोगों ने इस फोटो को गांव की ही बबली के नाम से पहचाना. गांव में उसके घर पर ताला लगा हुआ मिला.
कानपुर देहात का शिक्षा विभाग सक्रिय
अलीगढ़ पुलिस जांच करने के बाद कानपुर देहात से साक्ष्य इकट्ठा करके संबंधित लोगों के बयान दर्ज करने के बाद वापस चली गई. अब अनामिका के फर्जीवाड़े के तार कानपुर देहात तक पहुंच जाने के बाद कानपुर देहात का शिक्षा विभाग तेजी से सक्रिय हो गया है. अधिकारियों ने कस्तूरबा गांधी के कर्मचारियों और शिक्षकों के सत्यापन का कार्य सक्रियता से शुरू कर दिया है.