नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस (Coronavirus) से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में स्मशान घाटों पर शव दाह करने के लिए लोगों की भारी भीड़ लग रही है. इसे देखते हुए आज दिल्ली के तीनों नगर निगम ने मिलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें कोरोना से जुड़ी मौतों के आंकड़े रखे गए. ये आंकड़े दिल्ली सरकार के आंकड़ों से काफी ज्यादा हैं.
तीनों एमसीडी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया है कि दिल्ली में कोरोना वायरस से मौतों का आंकड़ा 2098 पहुंच गया है.
तीनों एमसीडी के मुताबिक 11 जून को दोपहर 3 बजे तक साउथ दिल्ली में 1080, नार्थ दिल्ली में 976 और ईस्ट दिल्ली में 42 लोगों की मौत हो चुकी है. तीनों एमसीडी दिल्ली के उन श्मशान घाटों के आंकड़ों के आधार पर यह दावा कर रही हैं जहां कोरोना वायरस से जान गंवा चुके लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
जबकि दिल्ली सरकार के गणना करने का तरीका अलग है. अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है लेकिन साथ में उसे कोई और गंभीर बीमारी भी है ऐसी बहुत सी मौतों को दिल्ली सरकार कोरोना वायरस से हुई मौतों में नहीं गिनती और दूसरी वजहों में उनकी गणना करती है. ऐसे में लगभग दोगुने का फर्क यह बता रहा है कि दिल्ली में कोरोनावायरस के हालात कितने खतरनाक हैं.
हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि दिल्ली सरकार ने टेस्ट करने के लिए जो गाइडलाइंस बनाई हैं उसकी वजह से बहुत से ऐसे लोग जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं अपना टेस्ट नहीं करवा पा रहे हैं. अगर ऐसे लोगों की गिनती करने जाएं तो आंकड़ा कहीं भी पहुंच सकता है.
हालांकि दिल्ली सरकार ने एक डेथ ऑडिट कमेटी बनाई है जिसके तय करने के बाद ही कोरोना मौतों की गिनती होती है. आंकड़े चाहे जो भी हों लेकिन अस्पतालों के बाहर रो रहे बेबस मरीजों की तस्वीरें बता रही हैं कि दिल्ली को लाइफ कमेटी की सख्त जरूरत है.