लखनऊ। कोरोना वायरस काल में मजदूरों की भयावह स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार घर लौट रहे प्रवासी कामगारों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दे रही है, ताकि आने वाले दिनों में इन्हें काम की तलाश में बाहर न जाना पड़े।
सरकार ने प्रवासियों के हुनर का लाभ लेकर यूपी के अर्थतंत्र को मजबूत करने की दिशा में काम शुरू करा दिया है। उनकी विशेषज्ञता के आधार पर उत्पादों को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा।
कामगारों को उनके गृह जनपद में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार बड़ी तेजी से डेटाबेस बनाने में जुटी हुई है। इसी क्रम में करीब 14.75 लाख कामगारों की स्किल मैपिंग का काम पूरा करवा लिया गया है। अब इनकी ट्रेनिंग करवाकर इन्हें रोजगार दिया जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान इन्हें ट्रेनिंग भत्ता भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम 11 के साथ हुई बैठक के बाद अफसरों ने इसकी जानकारी दी।
सोमवार (25 मई, 2020) को टीम-11 के साथ बैठक में मुख्यमंत्री निर्देश दिए कि जो मैन पॉवर तैयार किए जा रहे हैं, उन्हें अन्य राज्यों को सोशल सिक्योरिटी की गारंटी पर ही मुहैया कराया जाएगा। अब कोई भी राज्य सरकार बिना अनुमति के उत्तर प्रदेश के श्रमिकों /कामगारों का उपयोग नहीं कर पाएगी। इसके अलावा प्रदेश के एक जनपद के कामगार व श्रमिक को दूसरे जनपद में रोजगार मिलने पर सरकार आवासीय व्यवस्था भी मुहैया कराएगी।
14.75 लाख की स्किल मैपिंग की लिस्ट
●स्किल मैपिंग में सबसे बड़ी 1,51, 492 तादाद रीयल स्टेट डेवलपर / वर्करों की
●फर्नीचर एवं फीटिंग के 26989 टेक्निशियन
●बिल्डिंग डेकोरेटर 26041
●होम केयरटेकरों की संख्या 12633
●ड्राइवर 10,000
●आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स के 4680 टेक्कनिशियन
●होम एप्लांयस 5884 टेक्न्नीशियन
●आटोमोबाइल टेक्निशियन की संख्या 1558
●पैरामेडिकल एवं फार्माक्यूटिकल 596
●ड्रेस मेकर 12103
●ब्यूटिशियन 1274
●हैंडिक्राफ्ट एंड कारपेट्स मेकर 1294
●सिक्योरिटी गार्डस – 3364
●शेष – अन्य
बता दें प्रदेश में अन्य प्रदेशों से अब तक लगभग 25 लाख कामगार और श्रमिक आ चुके हैं। सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें उपयुक्त रूप से क्वारंटाइन करने, खाद्यान्न किट देने के साथ राशन कार्ड बनवाने और ₹1,000 भरण-पोषण राशि भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रवासी कामगारों को राज्य स्तर पर बीमा का लाभ देने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, ऐसी कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है, जिससे इन लोगों की जॉब सिक्योरिटी प्रदेश में ही सुनिश्चित की जा सके और इन्हें मजबूर हो कर अपने घर-परिवार से दूर नौकरी की तलाश में पलायन न करना पड़े।”