नई दिल्ली। जयपुर का रहने वाला पीयूष सिंह (Piyush Singh) बीते 20 मार्च को लापता हो गया था। हाल ही में वह दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज (Nizamuddin Markaz) में मिला। चौंकाने वाली बात यह है कि यहाँ तबलीगी जमात की लिस्ट में उसका नाम पीयूष सिंह नहीं, बल्कि मोहम्मद अली (Mohammad Ali) पाया गया है।
पीयूष के पिता का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है कि आखिर उसका मरकज पहुँचने के पीछे क्या कारण हो सकता है या फिर वो किन लोगों से मिल रहा था।
कुछ दिनों से घर पर नमाज पढने लगा था पीयूष
पीयूष के पिता ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से उनका बेटा घर पर नमाज पढ़ रहा था और इस्लाम की बातें किया करता था। पिता ने यह भी बताया था कि उनका बेटा किसी से बात नहीं कर रहा था, उसका व्यवहार अजीबोगरीब था और अपने में ही खोया रहता था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि उसके लापता होने के 7 दिन बाद 27 मार्च को पिता अनूप सिंह ने जयपुर के सदर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। सदर थाना एसएचओ राजेंद्र सिंह शेखावत ने इस बात की पुष्टि की है। जयपुर पुलिस की एक टीम पीयूष को बुधवार (मई 20, 2020) को मरकज से वापस लेकर आई।
एक ही है ‘पीयूष’ और ‘अली’ का आधार नम्बर
जाँच में पता चला है कि पीयूष का आधार नंबर वही है, जो तबलीगी जमात के सदस्यों की सूची में मोहम्मद अली का है। इस सूची में अली का पता मेरठ दिखा रहा है। 19 अप्रैल को अली उर्फ पीयूष को क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गई थी।
वह दिल्ली के सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन में था। अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि उसके कोरोना जाँच के नमूने तीन बार लिए गए थे और हर बार नकारात्मक नतीजे ही आए।
पुलिस का एक दल दिल्ली गया और बुधवार (मई 20, 2020) को उसे वापस जयपुर ले आया। एसएसओ शेखावत ने बताया कि अली उर्फ़ पीयूष वह वापस नहीं आना चाह रहा था और वहीं रहना चाहता था।
नाम मोहम्मद अली रखने के बारे में एसएचओ ने बताया, “उसने शायद खुद ही इस नाम से अपना पंजीकरण कराया होगा। अगर वह यह चाहता कि उसे रॉबिनहुड के नाम से जाना जाए, तो अधिकारी उसका नाम रॉबिनहुड ही लिखते। वह स्वेच्छा से वहाँ रह रहा था।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, पीयूष उर्फ़ मोहम्मद अली के पिता का इस बारे में कुछ और ही कहना है। पीयूष के पिता ने कहा कि उन्हें महज 10 दिन पहले ही इस बात की सूचना मिली कि उनका बेटा मरकज में है।
युवक के पिता ने कहा कि पुलिस के प्रयास द्वारा उसे वापस लाया जा सका। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली मरकज से लौटने के बाद उनके बेटे पीयूष की मानसिक स्थिति अस्थिर है और वह अपने आप में खोया हुआ रहता है, ना ही किसी से बात करता है।
पीयूष उर्फ़ मोहम्मद अली के पिता का कहना है कि उनके बेटे ने बीसीए की पढ़ाई की है और MCA के लिए तैयारी कर रहा है। कुछ समय बाद जब हालात सामान्य होंगे तब वो उससे पूछेंगे कि वो आखिर मरकज पहुँचा कैसे?