न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन अभी तक नहीं बन सकी है, लेकिन कोरोना का इलाज करने में एंटी मलेरियल ड्रग हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) काफी मददगार साबित हो रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने COVID -19 के उपचार में इसे एक प्रभावी दवा बताया था, लेकिन इस दवा का विरोध भी किया जा रहा है. अब इस दवा से जुड़ी एक और खबर आई है.
मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, अंटी मलेरियल ड्रग हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) रोगियों में मृत्यु के जोखिम को बढ़ा देती है.
लैंसेट स्टडी के लेखकों ने सुझाव दिया है कि इसे दवा को क्लीनिकल ट्रायल के अलावा COVID -19 के उपचार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि नतीजों के परिणाम उपलब्ध न हों.
यह अध्ययन अस्पताल में भर्ती COVID-19 के 96,000 से ज्यादा लोगों पर किया गया, और ये पाया गया कि इस दवा और इसी के जैसी क्लोरोक्वाइन का इस्तेमाल जिन मरीजों पर किया गया था, उनमें HCQ नहीं लेने वाले मरीजों की तुलना में जान का खतरा ज्यादा.
लैंसेट स्टडी में 671 अस्पतालों के आंकड़ों को देखा गया, जहां 14,888 मरीजों को एंटीबायोटिक मैक्रोलाइड के साथ या बगैर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या क्लोरोक्वीन दी गई थी, और 81,144 मरीजों को ये उपचार नहीं दिए गए थे.
ट्रंप ने अप्रैल के शुरुआत में कोरोना वायरस उपचार में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को उपयोगी दवा बताया था. इसके बाद से ही इस दवा की मांग बढ़ गई. इस सप्ताह की शुरुआत में, ट्रंप ने ये स्वीकार कर दुनिया को चैंका दिया कि वह कोरोना से बचाव के लिए ये गोलियां ले रहे हैं.
लेखकों ने कहा कि वे इस बात की पुष्टि नहीं कर सके कि दवा लेने से कोरोना वायरस रोगियों को कोई लाभ हुआ.
एक सकारात्मक रिपोर्ट के आधार पर ट्रंप ने वायरस के खिलाफ संभावित उपचार के रूप में इस दवा को बढ़ावा दिया था, लेकिन इसके बाद हुए अध्ययनों में पाया गया कि यह दवा मददगार नहीं थी. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अप्रैल में इसके इस्तेमाल को लेकर चेतावनी भी जारी की थी.