नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी (Delhi Election 2020) में सत्ता की बनवास खत्म करने की जंग लड़ रही बीजेपी ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की काट के लिये एक खास रणनीति बनाई है. अक्सर बड़ी-बड़ी रैलियां और बड़े-बड़े रोड शो के साथ चुनाव लड़ने वाली बीजेपी ने इसके उलट तैयारी की है. केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिये बड़ी रैली होगी. माना जा रहा है कि PM मोदी की दिल्ली में 4 बड़ी सभा हो सकती है. हालांकि जरूरत पड़ी तो यह संख्या 5 या 6 भी हो सकती है.
बाकी सभी नेताओं को छोटी-छोटी रैलियां करने की नसीहत दी गई है. यहां तक कि पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह भी 250 से 300 तक की संख्या वाली सभाएं करेंगे. वे कर भी रहे हैं. बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा भी छोटी-छोटी सभाओं को संबोधित करेंगे. दिल्ली के 7 सांसदों सहित बिहार, झारखंड, हरियाणा और UP के कई सांसदों को इस काम में झोंक दिया गया है. दिल्ली में ड्यूटी पर लगे सभी सांसदों को रोज 5 सभा करनी है. अभी तक छोटी-छोटी सभाओं के जरिये पूरी दिल्ली छान मारने की पुख्ता तैयारी कर ली गई है. पार्टी के एक नेता ने कहा कि अभी तक 5000 सभा करने की रणनीति थी. लेकिन यह संख्या लगभग 10000 तक पहुंच जायेगी.
पार्टी ने दिल्ली के सभी 7 लोक सभा और 70 विधानसभा के लिये अलग-अलग प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा सह प्रभारियों को भी जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी की रणनीति है कि दिल्ली के हर कॉलोनी, हर मुहल्ले तक पहुंचा जाये. इस बड़े अभियान का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पार्टी की बात पहुंचाना है.
बीजेपी का नया नारा भी इस थीम पर केंद्रित है-”देश बदला है, अब दिल्ली बदलेंगे.” पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे हर नुक्कड़ और घर-घर तक पहुंचाने की रणनीति बनाई है. केंद्र के तमाम मंत्री और स्टार प्रचारक भी इसमें हिस्सा लेंगे. दूसरी रणनीति बनाई गई है, प्रचार के मुद्दे और तरीके का. इसमें केजरीवाल सरकार के Freebie की काट भी है और केंद्र की उपलब्धियां भी. ये बताया जाएगा कि केजरीवाल ने केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने की कोशिशों में क्या-क्या रोड़े अटकाए?
सबसे बड़ा उदाहरण है दिया जा रहा है…मेट्रो रेल का निर्माण. इसमें कहा जायेगा कि केंद्र ने इस पर 17000 करोड़ रुपये खर्च कर 136 किमी ट्रैक का निर्माण किया है. जिसमें 50 लाख दिल्ली वासी हर रोज यात्रा करते हैं. लेकिन इसे असफल बनाने के लिये केजरीवाल सरकार ने कैसे बार-बार बाधाएं पैदा कीं.
जिस यातायात के धुएं से दिल्ली के लोगों का जीना मुहाल हो गया था, उससे निजात दिलाने में मोदी सरकार की ही भूमिका रही. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे बना कर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को दिल्ली के बाहर से निकालना शुरू कर दिया गया है. बीजेपी ये आरोप लगा रही है कि दिल्ली सरकार को इसमें 3000 करोड़ रुपये देने थे यानी योजना की कुल लागत का 10 फीसदी. लेकिन उन्होंने देरी भी की और पूरा हिस्सा देने से बचते रहे.
मुफ्त बिजली योजना
केजरीवाल सरकार की मुफ्त बिजली योजना एक ऐसा मुद्दा है जिसकी सीधे आलोचना करना संभव नहीं है. इसके लिये बीजेपी ये बताएगी की सिर्फ एक साल का अनुबंध है केजरीवाल सरकार का बिजली कंपनियों के साथ. जो मार्च 2020 में खत्म हो जायेगा. उसके बाद बिजली का बिल भी बढ़ेगा और पूरा बिल भी देना पड़ेगा. इसलिए ये फैसला चुनाव को ध्यान में रख कर लिया गया है.
इसके साथ ही बीजेपी केंद्र सरकार की ऊर्जा नीति का हवाला देगी. केंद्र सरकार ने मुफ्त में एलईडी बांटी, उसके दाम में भारी कटौती कराई ताकि घरों में इस्तेमाल होने वाली बिजली का बिल और कम आए.
मुख्यमंत्री हर समय दिल्लीवासियों को मुफ्त पानी देने की बात करते हैं. इसको लेकर बीजेपी चुनाव तक बड़ा कैंपेन चलाने की तैयारी में है. केजरीवाल ने साफ पानी का शगूफा छोड़ा है. लेकिन इसकी काट के लिए बीजेपी कार्यकर्ता हर दिन एक नए मोहल्ले से नल का पानी लेकर केजरीवाल को देने जाएंगे और कहेंगे-‘पानी पी कर दिखाओ केजरीवाल.’ इसके माध्यम से ये साबित करेंगे कि पानी के वायदे कितने झूठे हैं. बीजेपी का पानी को लेकर नारा होगा- ‘फ्री नहीं,
साफ पानी चाहिए.’
मोहल्ला क्लीनिक
बीजेपी के प्रचार में निशाने पर ‘मोहल्ला क्लीनिक’ भी होगा. बीजेपी ने तय किया है कि इसकी जगह आयुष्मान भारत नहीं लागू किए जाने से दिल्लीवासियों को हुए नुकसान का जिम्मेदार केजरीवाल को ठहराया जाएगा. जिस मुफ्त इलाज का केजरीवाल दम भर रहे हैं वो सरकारी अस्पतालों में पहले से ही मुफ्त में इलाज होता है. अगर आयुष्मान लागू होता तो दिल्ली के गरीब लोगों को इसका जबरदस्त फायदा होता.
अवैध कॉलोनियों का मुद्दा
बीजेपी की रैलियों और सभाओं में अनाधिकृत कॉलोनियों को रेगुलराइज करने का मुद्दा सबसे बड़ा होगा. बीजेपी को लगता है कि एक बड़ी संख्या में दिल्लीवासियों को इसका लाभ पहुंचा है. साथ ही दिल्ली की जनता को ये बताया जाएगा कि अगर बीजेपी की सरकार आती है तो वो गरीबों के सपनों को पूरा करेगी. इसका नारा होगा- “जहां झुग्गी, वहां मकान.” यानी जहां गरीब की झोपड़ी हो वहीं पक्के मकान बना कर सरकार देगी. 10 लाख से ज्यादा दुकानदारों यानि दस लाख घरों को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड करने का फैसला भी लोगों को पहुंचाया जाएगा.
इस तरह एक तरफ केजरिवाल सरकार पर आक्रामक तरीके से सियासी हमला किया जायेगा, वहीं दूसरी तरफ केंद्र की उपलब्धियों का जोर-शोर से प्रचार किया जायेगा. चाहे 370 का हटना हो या नागरिकता कानून. पार्टी के सभी नेता अपनी हर सभा में इसका जिक्र करेंगे. JNU, शाहीन बाग पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के रुख को जोर-शोर से उठाया जाएगा. सभाओं में राम मंदिर का भी जिक्र किया जायेगा. इस तरह जमीन पर नेताओं की फौज, केजरीवाल सरकार की मुफ्त योजना की काट, मोदी सरकार की उपलब्धियों और राष्ट्रवाद के चिर-परिचित रणनीति के साथ बीजेपी ने दिल्ली में सत्ता पर काबिज होने की रणनीति बनाई है.