ईरान की संसद ने एक विधेयक पारित कर सभी अमेरिकी बलों को आतंकवादी’ घोषित कर दिया है. यानी उसकी नजर में हर अमेरिकी सैनिक आतंकवादी है. विधेयक में अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन को आतंकी समूह घोषित किया गया है. ईरान ने यह कदम देश के शीर्ष सैन्य जनरल कासिम सुलेमानी के बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद उठाया है. ईरान के विशेष कुद्स फोर्स के प्रमुख के रूप में जनरल सुलेमानी पर लेबनान और इराक से लेकर सीरिया और यमन तक क्षेत्रीय सत्ता संघर्षों में ईरान के हस्तक्षेप की जिम्मेदारी थी. ईरान ने अमेरिका को कड़ा जवाब देने की धमकी दी है.
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि ईरान अपने शीर्ष जनरल के मारे जाने का बदला लेने के लिए अमेरिका पर हमला करता है तो उसे अब तक का सबसे भीषण हमला झेलना पड़ेगा. बीते रविवार को एक के बाद एक कई ट्वीट्स में डोनाल्ड ट्रंप ने यह चेतावनी दी. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘यदि वे फिर से हमला करते हैं तो हम ईरान पर अब तक का सबसे भीषण हमला करेंगे. अगर ईरान बदला लेगा तो अमेरिका अपनी नयी तकनीकों वाले सैन्य उपकरणों का बिना किसी झिझक के इस्तेमाल करेगा.’
डोनाल्ड ट्रंप ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘मैं ईरान को चेतावनी देता हूं कि यदि ईरान ने किसी भी अमेरिकी या अमेरिकी संपत्ति पर हमला किया तो हमने 52 ईरानी ठिकानों की पहचान की है. इनमें से कई ठिकाने बेहद अहम हैं और ईरान की संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हैं. तुरंत ही इन ठिकानों को सख्ती के साथ निशाना बनाया जाएगा, अमेरिका अब किसी तरह की धमकी नहीं चाहता.’
जानकारों के मुताबिक 52 अंक उन अमेरिकियों की संख्या को दर्शाता है, जिन्हें 1979 में एक साल से अधिक समय तक तेहरान में अमेरिकी दूतावास में बंधक बनाकर रखा गया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को यह चेतावनी बीते शनिवार अमेरिका के कुछ ठिकानों पर हुए हमलों के बाद जारी की. खबरों के मुताबिक ईरानी शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान समर्थित लड़ाकों ने शनिवार देर रात इराक में अमेरिकी दूतावास और बलाद सैन्य ठिकानों पर रॉकेट से ताबड़तोड़ हमले किए. हालांकि, इन हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ.