बियारित्ज। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जम्मू कश्मीर को लेकर साफ संदेश दे दिया है. पीएम मोदी ने कहा, ‘हम किसी भी देश के मामलों में दखल नहीं देते हैं, इसलिए हम अपने आंतरिक और द्विपक्षीय मामलों में किसी को दखल देने का कष्ट नहीं देंगे.’ यहां आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बातचीत के दौरान कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर के मसले पर मध्यस्थता को तैयार हैं. ट्रंप और पीएम मोदी ने फ्रांस के बियारित्ज में चल रहे जी7 सम्मेलन (G 7 Summit) से इतर द्विपक्षीय मुलाकात की. पीएम मोदी के बयान के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) ने झट से अपना बयान बदल लिया. ट्रंप ने भी कहा कि भारत और पाकिस्तान आपसी मुद्दों को खुद सुलझा लेंगे.
यहां आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द किए जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इसकी शिकायत की थी. हालांकि अमेरिका ने इमरान खान की अपील को ठुकराते हुए जम्मू कश्मीर के मसले पर दखल देने से मना कर दिया था. इमरान खान ने बुधवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, ‘उनसे (भारतीय अधिकारियों) से बात करने का कोई मतलब नहीं है. मेरा मतलब है, मैंने हर मुमकिन कोशिश की. लेकिन, दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज जब पलटकर देखता हूं तो लगता है कि शांति और बातचीत के मेरे सभी प्रयासों को उन्होंने तुष्टिकरण के तौर पर लिया. हम इससे ज्यादा कुछ कर नहीं सकते.’
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर बढ़े तनाव के बारे में बात करते हुए इमरान खान ने कहा, ‘जब दो परमाणु संपन्न देश आंखों में आंखें डालकर खड़े हों, तो इन हालात में कुछ भी हो सकता है. यह दुनिया के लिए चिंता का विषय होना चाहिए.’
खान की टिप्पणी पर नई दिल्ली में भारत सरकार की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है. लेकिन, अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस आलोचना को खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘राज्य में स्थिति के आधार पर प्रतिबंधों को कम किया जा रहा है. सार्वजनिक उपयोगिता वाली सेवाएं, बैंक और अस्पताल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं.’
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर चीन को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र या किसी भी अन्य देश का समर्थन हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाया है, जिससे वह बौखलाया हुआ है. इस्लामाबाद ने हाल ही में कहा है कि वह इस मुद्दे को अब अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में लेकर जाएगा.