लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने ही विभाग के कार्यों के जांच के आदेश दिए हैं. ऊर्जा विभाग में पिछले दो सालों में ई-टेंडरिंग के माध्यम से जारी हुए कार्यों की विजिलेंस जांच की जाएगी. माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर ऊर्जा मंत्री ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं. जांच के दायरे में सौभाग्य योजना के तहत कराए गए काम भी आएंगे. विजिलेंस जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त करवाई की बात भी कही जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, पिछले दो सालों में ऊर्जा विभाग में ई-टेंडरिंग के माध्यम से करीब 15 से 20 हजार करोड़ रुपये के काम जारी किए गए हैं. अब ऊर्जा मंत्री के आदेश पर इन सभी कार्यों की जांच की जाएगी. विजिलेंस जांच में इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि कहीं अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर ई-टेंडरिंग के माध्यम जारी हुए कामों में कोई धांधली तो नहीं की है.
गौरतलब है कि ऊर्जा विभाग में अधिकारियों के भ्रष्टाचार की खबर पहले भी आ चुकी हैं. कई मामलों में जांच भी चल रही है और कई लोगों के खिलाफ कारवाई भी हो चुकी है. इससे पहले भी ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा विभाग में ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के कार्यों की जांच के आदेश जारी किए जा चुके हैं.