नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ‘पावर’ को खत्म किए जाने के बाद अब कॉन्ग्रेस पार्टी 2 हिस्सों में बँटती दिखाई दे रही है। खबरों की मानें तो पार्टी के आधिकारिक व्हॉट्सऐप ग्रुप में पार्टी प्रवक्ताओं के बीच जम्मू-कश्मीर पर आए फैसले पर पक्ष और विपक्ष की बहसें हो रही हैं। पार्टी के कुछ नेता केंद्र सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ होते विरोध से सहमत हैं तो कुछ इससे नाराज़ हैं। जो नेता नाराज़ हैं उनका डर है कि इस विरोध के कारण उन्हें राजनैतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन फिर भी पार्टी के शीर्ष को देखकर वह चुप हैं।
LoP RS Ghulam Nabi Azad speaks on the Kashmir issue in the Rajya Sabha. pic.twitter.com/19yFygMwyu
— Congress (@INCIndia) August 5, 2019
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर पर लिए इस ऐतिहासिक फैसले पर एक ओर जहाँ कॉन्ग्रेस के आलाकमान इसका विरोध कर रहे हैं तो वहीं पार्टी के कुछ नेता पार्टी के मत से हटकर अपना बयान दे रहे हैं। इनमें कॉन्ग्रेस के युवा चेहरे और पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, मुंबई कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा भी शामिल हैं। ये दोनों मोदी सरकार के इस फैसले का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। इनके अलावा वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेता जनार्दन द्विवेदी ने भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने का स्वागत किया।
मोदी सरकार का फैसला आने के बाद हुड्डा ने अपने फेसबुक पर अपना पुराना पोस्ट शेयर किया और बताया कि वो शुरुआत से कहते आ रहे है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का कोई औचित्य नहीं है। इसके अलावा उन्होंने अपने ट्वीट पर भी लिखा, “मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए? ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है। अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास के वातावरण में हो।”
Congress leader Deepender Singh Hooda On Article 370 Jammu & Kashmir https://onlinearticles.net/congress-leader-deepender-singh-hooda-on-article-370-jammu-kashmir/ …
Very unfortunate that Article 370 is being converted into a liberal vs conservative debate.
Parties should put aside ideological fixations & debate what’s best for India’s sovereignty & federalism, peace in J&K, jobs for Kashmiri youth & justice for Kashmiri Pandits.