नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर (jammu kashmir) को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को राज्यसभा में बड़ा ऐलान किया गया है. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश किया. साथ ही राज्य से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया. नए कानून के तहत धारा 370 के सभी खंड राज्य में लागू नहीं होंगे. जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 35ए हटा दी गई है. सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी करके इसे हटाया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आर्टिकल 35ए हटाने को मंजूरी दी.
जम्मू और कश्मीर का दो हिस्सों में बंटवारा हो गया है. जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश होगा. साथ ही लद्दाख बिना विधानसभा के केंद्र शासिल प्रदेश बनेगा. धारा 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है. पूनर्गठन विधेयक पेश होने के बाद राज्यसभा में हंगामा हो रहा है.
जम्मू और कश्मीर (jammu kashmir) में पिछले कई दिनों से चल रहे तनाव को देखते हुए प्रशासन ने जम्मू और श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है. साथ ही जम्मू के 8 जिलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं. कश्मीर में सुरक्षाबलों की 100 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं. वहीं पीएम आवास पर सुबह सीसीएस की बैठक के बाद कैबिनेट की बैठक हुई है.
लोकसभा और राज्यसभा में बीजेपी ने 5 अगस्त से 7 अगस्त तक के लिए व्हिप जारी किया है. इस दौरान अपने सभी सांसदों को संसद की कार्यवाही में शामिल रहने को कहा गया है. जम्मू और श्रीनगर में सभी शिक्षण संस्थानों को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है. कश्मीर प्रशासन में ज्यादातर महत्वपूर्ण अधिकारियों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं, ताकि उनके संवाद और समन्वय करने में कोई तकलीफ नहीं हो. जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती के बारे में बताया है.
दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास पर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी हुई. इससे पहले पीएम आवास पर कैबिनेट की बैठक से पहले कैबिनेट कमेटी ऑन सेक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक भी हुई. इसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहेे. इस बैठक में एनएसए अजित डोभाल ने सुरक्षा संबंधी जानकारी दी है.
कश्मीर मामले पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश और मनीष तिवारी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. वहीं राज्य के तनावपूर्ण हालात को देखते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रदेश के डीजीपी और मुख्य सचिव के साथ आपात बैठक भी की है.
जम्मू-कश्मीर में प्रशासन की ओर से घाटी छोड़ने की एडवाइजरी के बाद अब भी सभी पर्यटक भी अपने-अपने घर को लौट रहे हैं. रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव अनिल गाबा और अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ हाईलेवल मीटिंग भी की. माना जा रहा है यह मीटिंग जम्मू-कश्मीर के हालात को पर चर्चा के लिए हुई.
श्रीनगर में सुरक्षा को देखते हुए केबल टीवी की सेवाएं तक बंद कर दी गई हैं. किसी भी नेता को रैली करने की इजाजत नहीं है. नेताओं पर सख्ती के सवाल पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये सब सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य में किसी भी तरह का कोई कर्फ्यू नहीं लगाया गया है. ये सारे इंतजाम सुरक्षा के लिहाज से किए जा रहे हैं.
तनावपूर्ण हालात को देखते हुए जम्मू यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं भी आगे के लिए बढ़ा दी गई हैं. यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि 5 अगस्त को होने वाली सभी परीक्षाएं आगे बढ़ा दी गई हैं. इनकी नई तारीखों का ऐलान जल्द किया जाएगा. कठुआ में भी सभी स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं.
बता दें कि 2 अगस्त को प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी करके अमरनाथ यात्रियों और अन्य पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने के लिए कहा गया था. सेना को गश्त के दौरान अमरनाथ यात्रा के रास्ते में पाकिस्तान निर्मित क्लेमोर माइन (CLAYMORE MINE) मिली थी. साथ ही सुरक्षा में लगे सैनिकों ने आसपास की पहाड़ियों की तलाशी ली तो उन्हें आतंकवादियों द्वारा छिपाकर रखे गए कई हथियार मिले. इनमें एक स्नाइपर राइफल, एक आईईडी थी. इसके बाद ही अमरनाथ यात्रा भी रोक दी गई थी. साथ ही कश्मीर में स्थिति अधिक तनावपूर्ण हो गई.