नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को UAPA संशोधन बिल पर चर्चा हुई. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सभी आरोपों का जवाब दिया और तर्क गिनाए कि ये कानून क्यों जरूरी है. अमित शाह ने कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के उन सवालों का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने NIA के द्वारा केस साबित ना करने का आरोप लगाया था.
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में बताया कि NIA के तीन मामलों में ही सजा नहीं हुई है और तीनों ही मामले राजनीतिक द्वेष से पीड़ित थे. इस दौरान अमित शाह ने मामलों को भी गिनाया और साथ ही तर्क भी दिए. अमित शाह ने बताया कि समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में शुरुआत में कुछ लोग पकड़े गए थे, लेकिन बाद में चुनाव आ गए और फिर कांग्रेस की सरकार ने उन लोगों को छोड़ दिया. और कुछ विशेष लोगों को नकली मामला बनाकर पकड़ा.
शाह ने दिग्विजय को जवाब देते हुए कहा कि आप जाकर कोर्ट का जजमेंट पढ़िए, जिन लोगों को आज छोड़ा गया है उसकी वजह ये है कि NIA उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं ला पाई.
गृह मंत्री ने कहा कि इसको लेकर आप हमारे ऊपर आरोप नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि इन मामलों को लेकर यूपीए सरकार के दौरान चार्जशीट दायर की गई थी. शाह ने कहा कि विपक्ष को ये बताना चाहिए कि आखिर अगर ये लोग निर्दोष थे तो फिर जिन्होंने बम धमाका किया उन्हें क्यों छोड़ा गया था, उसके पीछे क्या वजह थी.
अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के अलावा मालेगांव ब्लास्ट और मक्का मस्जिद मामले का भी उदाहरण दिया. गृह मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उस वक्त आतंकवाद को एक धर्म से जोड़ा गया और चुनाव में फायदा लेने की कोशिश की गई.
आपको बता दें कि समझौता ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने इसी साल असीमानंद समेत अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था. जिसके बाद इसपर काफी बवाल हुआ था.
गौरतलब है कि राज्यसभा में विधि-विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) (UAPA) संशोधन विधेयक पर चर्चा जारी है. इस बिल में आतंक से संबंध होने पर संगठन के अलावा किसी शख्स को भी आतंकी घोषित करने का प्रावधान शामिल है. बिल को पहले ही लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है.