भारत को पहला क्रिकेट विश्व कप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव को फुटबॉल क्लब ईस्ट बंगाल ने अपने सर्वोच्च पुरस्कर भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया है. ईस्ट बंगाल अपनी 100वीं वर्षगांठ बना रहा है. ट्विटर पर हालांकि इस समारोह के बहिष्कार की मुहिम भी जारी रही. ईस्ट बंगाल ने कपिल देव को 22 जून 1992 में अपने साथ जोड़ा था. वे इसके छह दिन बाद मोहन बागान के खिलाफ प्रदर्शनी मैच में ईस्ट बंगाल की ओर से 27 मिनट तक खेले थे.
कपिल देव ने गुरुवार को पुरस्कार हासिल करने के बाद कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि एक स्तर तक खिलाड़ी अहम होते हैं. लेकिन अगर किसी क्लब ने 100 साल पूरे किए हैं तो आपको उसके समर्थकों का भी सम्मान करना चाहिए क्योंकि वही क्लब के नाम को लेकर आगे बढ़ाते हैं.’ इसी समारोह में बाईचुंग भूटिया, सुनील छेत्री और पीके बनर्जी जैसे दिग्गजों को भी सम्मानित किया गया.
पूर्व क्रिकेटर कपिल देव ने कहा, ‘हम विंबलडन का सम्मान करते हैं क्योंकि उनकी घास पर खेलने की परंपरा है. आप चाहे कहीं से भी आएं अपनी परंपरा नहीं भूलिए. मैं टीम से ज्यादा समर्थकों को पसंद करता हूं क्योंकि उन्होंने 100 साल तक क्लब का साथ दिया.’ कपिल ने कहा, ‘परंपरा सब कुछ है. अगर परंपरा नहीं होती तो हम बंगाली, पंजाबी, तमिल के नाम से नहीं जाने जाते.’