नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों के बेड़े में शामिल होने वाले अमेरिकी लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे के लिए इंतजार खत्म हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक शनिवार (27 जुलाई) को इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर की पहली खेप गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पहुंच रही है. इस पहली खेप में 3 से 4 हेलीकॉप्टर शामिल होने की संभावना है.
अमेरिका से आने वाली अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप शनिवार को भारत पहुंच तो रही है. लेकिन पठानकोट में अपाचे की पहली स्क्वाड्रन की तैनाती के लिए एक महीने और इंतजार करना होगा. बता दें कि भारत ने अमेरिका से 22 अपाचे हेलीकॉप्टर्स की खरीद की है. सूत्रों के मुताबिक अपाचे हेलीकॉप्टर्स 27 जुलाई को AN 224 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंच जाएंगे. इन्हें यहां तैयार किया जाएगा और अगस्त के आखिरी हफ्ते में उन्हें भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल होने के लिए पठानकोट भेजा जाएगा.
क्या है अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत
अपाचे AH 64 E हेलीकॉप्टर 30 मिमी की मशीनगन से लैस है जिसमें एक बार में 1200 तक राउंड हो सकते हैं. इसके अलावा अपाचे एंटी टैंक हेलफ़ायर मिसाइल से भी लैस है जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी एक मिसाइल एक टैंक को तबाह करने के लिए काफ़ी है. अतिरिक्त हथियार के तौर पर हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट लगा होता है जो किसी ज़मीन के किसी निशाने पर अचूक वार करता है. अपाचे 150 नॉटिकल मील की रफ्तार से उड़ान भर सकता है जो इसे हवा में जबरदस्त रफ्तार से दुश्मन के पास जाने में मदद करता है.
वायुसेना के पास अभी है MI 35 और MI 25 अटैक हेलीकॉप्टर्स
भारतीय वायुसेना अभी रूस में बने MI 35 और MI 25 अटैक हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल करती है. इनकी एक स्क्वाड्रन पठानकोट और दूसरी राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात रहती है. ये अच्छे अटैक हेलीकॉप्टर्स हैं लेकिन अब ये तीन दशक पुराने हो चुके हैं. वायुसेना के पास स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव से विकसित किया गया रुद्र अटैक हेलीकॉप्टर भी है. वायुसेना ने स्वदेश में विकसित लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर का भी ऑर्डर हिंदुस्तार एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दिया है.