नई दिल्ली। कुमारास्वामी सरकार के विश्वास मत हारने के बाद राज्य भाजपा की नज़रें सरकार बनाने पर गड़ गईं हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ पूर्व मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा साल भर के भीतर दूसरी बार सरकार बनाने का दावे पेश करने के लिए तैयार हैं। इसके पहले वर्तमान विधानसभा के चुनावों के बाद भी वह मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहुमत साबित करने के लिए महज़ 24 घंटे दिए जाने के बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था। भाजपा ने इसे ‘कर्म का खेल’ बताकर बाहर जाती यूपीए सरकार पर तंज भी कसा है।
कई दिनों से चले आ रहे सियासी ड्रामे के पटाक्षेप में हुई यूपीए की इस हार ने एनडीए के लिए रास्ता खोल दिया है। राज्य सरकार गठबंधन के 16 विधायकों के बागी हो बाद से ही डाँवाडोल चल रही थी। इसके पहले कुमारास्वामी लगातार विश्वास मत को टालते चले गए। यहाँ तक आजिज़ आकर उनकी पार्टी के ही विधानसभा अध्यक्ष को भी सत्ता पक्ष को टोकना पड़ गया था।
‘यहाँ सात जनम में भी नहीं गिरेगी कॉन्ग्रेस की सरकार’
कर्नाटक के पड़ोसी मध्य प्रदेश में सरकार को किसी भी तरह की आग तो नहीं लगी है, लेकिन कहावत के अनुसार धुआँ तो दिखने लगा है। एक तरफ भाजपा नेता कॉन्ग्रेस सरकार के ‘खुद से पलट जाने’ का दावा कर रहे हैं, दूसरी ओर सत्तारूढ़ कॉन्ग्रेस का दावा है कि प्रदेश में ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ के लिए भाजपा को सात जन्म लेने पड़ जाएँगे।