नई दिल्ली। कर्नाटक की राजनीति में बीते दिनों बहुत उठा-पटक देखने को मिला। यह अभी भी जारी है। राज्य के बागी विधायक कॉन्ग्रेस नेताओं के ख़िलाफ़ एक बार फिर से कोर्ट की ओर रुख कर सकते हैं। बागी विधायकों का कहना है कि कॉन्ग्रेस नेता उन्हें कई तरह से प्रभावित करने और डराने की कोशिश कर रहे हैं। इस कारण से उन्होंने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर अपने लिए सुरक्षा की भी माँग की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वे किसी भी कॉन्ग्रेस नेता से नहीं मिलना चाहते हैं क्योंकि उनसे उन्हें (विधायकों को) खतरा है। उल्लेखनीय है कि बागी विधायक इससे पहले भी मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर सुरक्षा की माँग कर चुके हैं।
इन नेताओं ने कॉन्ग्रेस के महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे और कॉन्ग्रेस नेता गुलाब नबी आजाद का नाम देते हुए पुलिस को पत्र लिखा है। पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में बीसी पाटिल, महेश के, विश्वनाथ, नारायण गौड़ा, एच नागेश, आर शंकर, गोपालैया, रमेश जे, एमटीबी नागराज, बासवराज, सोमेश्वर और शिवराम हेब्बर का नाम शामिल है। इन विधायकों ने पत्र में साफ़ किया है कि उनका गुलाम नबी आजाद या महाराष्ट्र या फिर कर्नाटक के किसी भी कॉन्ग्रेस नेता से मिलने का कोई इरादा नहीं हैं।
खबरों के मुताबिक एक ओर जहाँ ये विधायक किसी भी कॉन्ग्रेस नेता से नहीं मिलना चाहते हैं वहीं आज (जुलाई 15, 2019) मल्लिकार्जुन खड़गे और कर्नाटक के डेप्युटी सीएम जी परमेश्वर मुंबई पहुँचकर इन बागी विधायकों से मिलने का प्रयास कर सकते हैं। उनकी कोशिश इन विधायकों को मनाकर राज्य की सरकार को बचाने की होगी। बता दें कि इससे पहले कॉन्ग्रेस के डीके शिवकुमार भी इन विधायकों को मनाने के लिए मुंबई गए थे लेकिन विधायकों ने उनसे मिलने से ही इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ कॉन्ग्रेस अपने बागी विधायकों को मनाने में नाकाम होती दिख रही हैं, वहीं भाजपा इस राजनीतिक उठा-पटक पर नजर बनाए हुए है। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने रविवार (जुलाई 14, 2019) को राज्य की स्थिति के मद्देनजर बयान दिया, “मैं मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से तुरंत इस्तीफा देने का अनुरोध करूँगा क्योंकि जेडीएस और कॉन्ग्रेस के 15 से अधिक विधायक और दो निर्दलीय मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह जाहिर किया है कि वे भाजपा का समर्थन करेंगे। मैं बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक में कुमारस्वामी को सलाह दूँगा कि वे विश्वास प्रस्ताव साबित करें या इस्तीफा दे दें।”