क्रिकेट का ‘मक्का’ कहे जाने लॉर्ड्स का मैदान हर क्रिकेटर के लिए बेहद खास होता है. हर क्रिकेटर का सपना इस मैदान पर आकर बड़ी पारी खेलने का होता है, वहीं टीम चाहती है कि इस ऐतिहासिक ग्राउंड से उसे खिताबी जीत हासिल कर उसे चैंपियन टीम के रूप में पहचान मिले. बात वर्ल्ड कप की हो तो यह मैदान कई टीमों के लिए बेहद खास रहा है. वर्ल्ड कप के 12वें संस्करण से इंग्लैंड के रूप में क्रिकेट जगत को छठा और लॉर्ड्स के मैदान से तीसरा वर्ल्ड चैम्पियन मिला.
ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर अब तक हुए 12 वर्ल्ड कप के 5 फाइनल मैच खेले गए हैं और सबसे शानदार बात यह है कि 5 में से 3 बार वर्ल्ड चैम्पियन बनी टीम पहली बार खिताब जीतने में कामयाब रही. इसके अलावा कोलकाता का ईडन गार्डंस, मेलबर्न का एमसीजी और पाकिस्तान का गद्दाफी स्टेडियम भी एक-एक बार वर्ल्ड चैम्पियन टीम देने में कामयाब रहा.
शुरुआती 3 वर्ल्ड कप फाइनल लॉर्ड्स में
1975 में वर्ल्ड कप क्रिकेट की शुरुआत हुई. पहले संस्करण में वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम फाइनल में पहुंची, दोनों टीमों के बीच खिताबी जंग ऐतिहासिक लॉर्ड्स पर ही हुई जिसमें वेस्टइंडीज ने लाजवाब खेल दिखाते हुए पहला वर्ल्ड चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया.
1979 में दूसरे वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज तो फाइनल में पहुंच गई जबकि इंग्लैंड की टीम पहली बार खिताबी जंग में शामिल हुई और लॉर्ड्स में हुए मुकाबले में उसे हार मिली. 1983 का वर्ल्ड कप भी इंग्लैंड में ही खेला गया. पिछली 2 बार की तरह हैट्रिक लगाते हुए वेस्टइंडीज की टीम फाइनल में पहुंची और उसके सामने थी टीम इंडिया.
1975 के बाद 1983 से लगातार 4 नए चैम्पियन
लॉर्ड्स पर ही लगातार तीसरी बार फाइनल मुकाबला खेला गया, और इस बार सारे कयासों को झुठलाते हुए टीम इंडिया के रूप में एक नया वर्ल्ड चैम्पियन क्रिकेट की दुनिया को मिला. शुरुआती 3 वर्ल्ड कप इंग्लैंड में खेले गए जबकि फाइनल लॉर्ड्स में हुआ.
कपिल देव की अगुवाई में टीम इंडिया के वर्ल्ड चैम्पियन बनने के बाद 1987 का वर्ल्ड कप भारत-पाकिस्तान की मेजबानी में खेला गया और इसके साथ ही वर्ल्ड कप की मेजबानी का दायरा इंग्लैंड से निकलकर दूसरे देश (भारत) पहुंचा.
2 वर्ल्ड कप (1992 और 1996) की इंतजारी के बाद 1999 के वर्ल्ड कप की मेजबानी का मौका इंग्लैंड और फाइनल मैच का मेजबानी लॉर्ड्स के मैदान को मिली, लेकिन तब जीत ऑस्ट्रेलिया के खाते में गई जो 1987 में वर्ल्ड चैम्पियन बनने का सिलसिला शुरू कर चुका था. कंगारू टीम रिकॉर्ड 5 बार वर्ल्ड चैम्पियन बनी.
अब 20 साल बाद फिर वर्ल्ड कप इंग्लैंड की धरती पर पहुंचा. सवा महीने के खेल के बाद 14 जुलाई को मेजबान इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच लॉर्ड्स पर ही फाइनल मुकाबला खेला गया और यहां से भी एक नया वर्ल्ड चैम्पियन निकल कर सामने आया. इस तरह लॉर्ड्स पर खेले गए कुल 5 वर्ल्ड कप फाइनल में 1979 और 1999 को छोड़ दिया जाए तो 1975, 1983 और अब 2019 के वर्ल्ड कप से एक नया चैम्पियन मिला.
2019 से पहले के मैदान जहां मिला पहला वर्ल्ड चैम्पियन
साल | चैम्पियन | उप चैम्पियन | मैदान |
1975 | वेस्टइंडीज | ऑस्ट्रेलिया | लॉर्ड्स |
1983 | भारत | वेस्टइंडीज | लॉर्ड्स |
1987 | ऑस्ट्रेलिया | इंग्लैंड | ईडन गार्डंस |
1992 | पाकिस्तान | इंग्लैंड | मेलबर्न |
1996 | श्रीलंका | ऑस्ट्रेलिया | गद्दाफी स्टेडियम |
क्रिकेट में सबसे ज्यादा वर्ल्ड चैम्पियन टीम देने वाले लॉर्ड्स मैदान के बाद लगातार 3 वर्ल्ड कप से 3 नई चैम्पियन टीमें सामने आईं. 1983 में भारत के वर्ल्ड चैम्पियन बनने के बाद 1987 में भारत-पाक की मेजबानी में वर्ल्ड कप खेला गया जिसमें फाइनल मैच कोलकाता के ईडन गार्डंस में हुआ और यहां से ऑस्ट्रेलिया चैम्पियन टीम बनने में कामयाब रही.
वो मैदान जहां चैम्पियन तो मिला पर पहला नहीं
साल | चैम्पियन | उप चैम्पियन | मैदान |
2003 | ऑस्ट्रेलिया | भारत | वांडर्रर्स स्टेडियम, SA |
2007 | ऑस्ट्रेलिया | श्रीलंका | किंगस्टन ओवल, WI |
2011 | भारत | श्रीलंका | वानखेडे स्टेडियम मुंबई IND |
2015 | ऑस्ट्रेलिया | न्यूजीलैंड | मेलबर्न सिडनी AUST |
1987 के बाद 1992 का वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की मेजबानी में हुआ जहां मेलबर्न में फाइनल मैच के बाद पाकिस्तान नई वर्ल्ड कप चैम्पियन टीम के रूप में सामने आई. 1996 में वर्ल्ड कप फिर भारतीय उपमहाद्वीप में लौटा, और भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका की मेजबानी में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मैच खेला गया. लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया को हराकर श्रीलंका पहली बार वर्ल्ड चैम्पियन टीम बनी. वह भी पहली बार फाइनल में पहुंची थी.