नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने CCTV कैमरा लगाने की जिम्मेदारी एक ऐसी कंपनी को सौंपी है, जिस पर जासूसी के आरोप लग चुके हैं। इस फर्म का नाम है प्रमा हिकविजन (Prama Hikvision) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड। इस कंपनी के 58% शेयर पर चीन की सरकार का अधिकार है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस कंपनी को राजधानी में 1.5 लाख CCTV कैमरा लगाने की जिम्मेदारी दी है। इस कंपनी को अमेरिकी सरकार ने जासूसी करने के आरोप में ब्लैकलिस्ट किया हुआ है। भाजपा का आरोप है कि दिल्ली सरकार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीसीटीवी लगवा रही है, ताकि इसका राजनीतिक फायदा उठा सके।
रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि यह पूरी तरह से निराशाजनक है। चुनाव नजदीक है तो वे अपने वादों को पूरा करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। यह पूरी दिल्ली की सुरक्षा को खतरे में डाल देगा। बीजेपी के नेता और सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने अरविंद केजरीवाल को नक्सली करार दिया है।
बीते कई सालों से चीन पर आरोप लगते रहे हैं कि वह अपने उत्पादों विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के जरिए अन्य देशों के डाटा को एक्सेस करता है। हाल ही में यूएस एयरफोर्स ने हिकविजन के साथ करार को रद्द कर दिया था। अमेरिकी सरकार ने इस फर्म को एंटिटी लिस्ट में डाला हुआ है। जिसका मतलब यह है कि कोई भी यूएस फर्म हिकविजन को अपना उत्पाद नहीं बेच सकती। अमेरिका ने सुरक्षा के मद्देनजर ये फैसला लिया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रमा हिकविजन के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ आशीष धाकन ने माना कि कंपनी के 58% शेयर पर चीन की सरकार का अधिकार है। धाकन ने सीसीटीवी को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा- “इनके उत्पादों को भारत में ही बनाया जा रहा है। इन कैमरों से प्राप्त सर्विलांस डाटा को चीन को ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। हमने इस डील से जुड़े भारतीय सुरक्षा प्रमाण-पत्र हासिल कर लिए हैं।”
पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का कहना है कि अब जब चुनाव नज़दीक आया है तो 2019 में इनको सीसीटीवी की याद आई है। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तुलना कुंभकरण से करते हुए कहा कि वे साढ़े चार साल बाद अब घोर निद्रा से जागे हैं। जब चुनाव पास आ रहा है तो वे फिर से अपनी झाँसा पालिटिक्स में लगे हैं।