बेंगलुरू। कर्नाटक के बागी कांग्रेस और जेडीएस विधायक गुरुवार को विधासभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे. विधायकों से मुलाकात के बाद स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि मैं कोई गलती नहीं करना चाहता. स्पीकर ने कहा मेरा काम किसी को बचाना या हटाना नहीं है. सुनवाई में देरी के आरोप से दुखी हूं. स्पीकर ने कहा – 8 विधायकों का इस्तीफा सही प्रारूप में नहीं था. मुझसे किसी विधायक ने मिलने का वक्त नहीं मांगा.’
कुमार ने कहा बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकारना एक बात है, जबकि उन्हें अयोग्य घोषित करना दूसरी बात है क्योंकि अयोग्य व्यक्ति उसी सदन में फिर से प्रवेश नहीं कर सकता. स्पीकर ने कहा, “विधायकों ने मुझसे कोई बातचीत नहीं की और सीधे राज्यपाल के पास पहुंच गए. इस मामले में भला वह क्या कर सकते हैं? क्या यह दुरुपयोग नहीं है? वे सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गए.” कुमार ने कहा कि वह संविधान का सम्मान करते हैं और नियम के मुताबिक ही निर्णय लेंगे.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश होने के लिए कहा था. इससे पहले अब कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया. अध्यक्ष ने न्यायालय द्वारा उन्हें 10 बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के आदेश को रोकने की अपील की है.
पीठ का मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. लेकिन, अदालत ने अध्यक्ष के आवेदन को दायर करने की अनुमति देते हुए यह संकेत दिया कि मामले को 10 बागी विधायकों की याचिका के साथ सुनवाई के लिए लिया जाएगा.
अध्यक्ष की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील ए. एम. सिंघवी और देवदत्त कामत ने अदालत के सामने तर्क दिया कि अध्यक्ष संवैधानिक रूप से अयोग्यता की कार्यवाही पहले करने के लिए बाध्य हैं. प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने जवाब दिया कि उसने पहले ही सुबह आदेश पारित कर दिया था कि यह फैसला अध्यक्ष को करना है कि इस पर क्या कार्रवाई की जानी है. हम आपको कल (शुक्रवार को) सुनेंगे.