नई दिल्ली। कांग्रेस और जेडीएस की कर्नाटक में 14 माह पुरानी सरकार खतरे में दिख रही है. दोनों दलों के कुल 14 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. 13 विधायकों ने शनिवार को इस्तीफा दिया. इससे पहले एक विधायक अरविंद सिंह पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. ऐसे में दोनों दल मिलकर अब बहुमत के आंकड़े से दूर हो गए हैं. अगर इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो सरकार का गिरना तय है. हालांकि कांग्रेस इस संकट के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बता रही है.
अभी तक जो संकेत मिले हैं, उसमें इस संकट के पीछे कांग्रेस के ही एक बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. खुद बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि इस संकट के लिए सिद्धारमैया जिम्मेदार हैं. उन्होंने तो इस पूरे घटनाक्रम के पीछे सिद्धारमैया को मास्टरमाइंड बताया.
प्रह्लाद जोशी ने कहा, सिद्धारमैया नहीं चाहते कि राज्य की राजनीति में एचडी देवेगौड़ा के परिवार से कोई भी आगे बढ़े और राजनीति में अपने पैर जमाए. इसके अलावा वह नहीं चाहते कि कांग्रेस में कोई दूसरी लीडरशिप भी खड़ी हो. जोशी ने कहा, सिद्धारमैया को कांग्रेस के जी परमेश्वर जैसे नेताओं से भी खतरा महसूस हो रहा है. इसीलिए वह शुरुआत से ही इस सरकार को अस्थिर कर रहे हैं.
सिद्धारमैया ने अपनी राजनीति जेडीएस के नेता के तौर पर शुरू की थी. लेकिन बाद में देवेगौड़ा से अनबन के कारण वह कांग्रेस में आ गए. 2013 में कांग्रेस ने जब कर्नाटक में सत्ता हासिल की तो वह सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया.
कुरबा समुदाय से आते हैं सिद्धारमैया
कर्नाटक की राजनीति में सिद्धारमैया कुरबा समुदाय से आते हैं. ऐसे में कांग्रेस उनके सहारे राज्य की पिछड़ी जातियों को साधती है. कर्नाटक में दो जातियां सबसे प्रभावी हैं. इनमें लिंगायत वोटर्स बीजेपी समर्थक माने जाते हैं तो वोक्कालिगा जेडीएस का समर्थन करते हैं.
कर्नाटक में 2018 में जब चुनाव हुए तो सिद्धारमैया को पूरा यकीन था कि वह चुनाव जीत जाएंगे. लेकिन हुआ इसके ठीक उलट. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा हमला जेडीएस और देवेगौड़ा परिवार पर किया. जब सरकार बनाने की बात आई तो कांग्रेस ने कुमारास्वामी को मुख्यमंत्री बना दिया. ऐसे में सिद्धारमैया इस सरकार से पूरी तरह से खुश नहीं थे. आए दिन कांग्रेस के विधायक उन्हें सीएम बनाने की मांग करते रहे हैं.