नई दिल्ली। पुरानी दिल्ली के हौज काजी इलाके स्थित दुर्गा मंदिर में बुधवार सुबह फिर से पूजा शुरू हो गई. इलाके में 30 जून को हुई हिंसा के बाद से करीब 100 साल पुराने इस मंदिर में पिछले दो दिन से पूजा अर्चना नहीं हो रही थी. यहां कुछ उपद्रवियों ने मंदिर में तोड़फोड़ की थी. जिसके बाद से इलाके में दो समुदायों के बीच तनाव पैदा हो गया. पुलिस ने मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले 3 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. पिछले दो दिनों से इलाके में लगातार चौकसी के बीच दोनों समुदाय के लोगों को समझा-बुझाकर इस मामले को सुलझा लिया गया है.
आज सुबह मंदिर में आरती हुई.
मंगलवार को हिंदू रक्षा दल के सैकड़ों कार्यकर्ता उस जगह पहुंचे जहां मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी. हिंदू रक्षा दल के लोगों ने पहले ‘जय श्री राम’ और ‘हर-हर महादेव’ का जयघोष किया. फिर बीच सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया. पाठ करने के बाद सभी लोग नारे लगाते हुए निकले. लॉ एंड आर्डर देख रही दिल्ली पुलिस ने सभी को हटाया ताकि इलाके में शांति बहाल हो सके.
इलाके में शांति बहाल करने के लिए दिल्ली पुलिस के तामाम आला अधिकारी पूरे दिन अमन कमिटी के साथ मीटिंग की. दोनों पक्षों ने शांति बहाल करने के लिए साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कमिटी में तारा चंद सक्सेना और जमशेद अली सिद्दीकी मौजूद थे. जमशेद सिद्दिकी ने कहा, “आरोपियों के खिलाफ पुलिस सख्त करवाई करे और मंदिर में जो तोड़फोड़ हुई है, उसके निर्माण में मुस्लिम समाज हर संभव मदद करेगा. कल से मंदिर में पूजा शुरू की जाएगी. दोनों समाज शांति बहाल करने के प्रयास कर रहे हैं. बाजार भी बुधवार से खोला जाएगा.”
इससे पहले, स्थानीय सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने क्षेत्र का दौरा किया. लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. स्थानीय निवासियों का कहना है कि रविवार की रात पार्किंग को लेकर दो समुदायों के बीच हुई झड़प के बाद मंगलवार की सुबह तक भी क्षेत्र में तनाव बना रहा. पुलिस का कहना है कि वह स्थिति पर काबू रखने के लिए ड्रोन कैमरा के जरिए नजर बनाए हुए है. मंगलवार को स्थानीय सांसद हर्षवर्धन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. क्षेत्रीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने क्षेत्र का दौरा किया.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि रविवार की रात पार्किंग को लेकर दो समुदायों के बीच हुई झड़प के बाद मंगलवार की सुबह तक भी क्षेत्र में तनाव बना रहा. पुलिस का कहना है कि वह स्थिति पर काबू रखने के लिए ड्रोन कैमरा के जरिए नजर बनाए हुए है. कुछ स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस व अर्धसैनिक बलों की तैनाती के बावजूद दोनों ही समुदाय के लोगों की तरफ से पथराव किया गया.