नई दिल्ली। भारतीय रेलवे आने वाले सालों में मानव स्तर की रेलवे क्रासिंग को पूरी तरह से खत्म करना चाहता है. पीयूष गोयल के नेतृत्व वाला रेल मंत्रालय आने वाले सालों में स्वर्णिम चतुर्भुज और भारतीय रेलवे नेटवर्क के अपने डाइगनल पर सभी मानव स्तर की क्रॉसिंग को खत्म करने की तैयारी कर रहा है.
जैसा कि आप जानते हैं कि रेलवे बजट को अलग से पेश नहीं किया जा जाता है और आम बजट के साथ ही रेलवे बजट के प्रस्तावों को पेश किया जाने लगा है. माना जा रहा है कि पहली बार आम बजट पेश करने जा रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रेलवे के लिए कुछ ऐसे ही प्रस्तावों को मंजूरी दे सकती हैं. इनमें रेलवे की सुधार योजना के साथ-साथ रेलवे का रेवेन्यू बढ़ाने के कुछ प्रस्तावों को लेकर बजट में चर्चा की जा सकती है.
रेलवे के लिए महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर में 100-दिन का रोडमैप तैयार किया गया है. इस रोडमैप को रेलवे बोर्ड ने तैयार किया है, भारतीय रेलवे ने स्वर्णिम चतुर्भुज और डाइनगल पर 100 दिनों के भीतर 2,568 मानव-स्तरीय क्रॉसिंग को समाप्त करने के लिए अनुमोदन प्राप्त करने का प्रस्ताव दिया है.
भारतीय रेलवे के द्वारा इस परियोजना को अगले चार सालों में यानी 2023 तक लागू किया जाएगा. रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) और रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) का निर्माण करके स्वर्णिम चतुर्भुज और डाइगनल पर सभी मानव स्तर के क्रॉसिंग को समाप्त करने के लिए, आरओबी/आरयूबी के प्रावधान के लिए एक रूपरेखा प्रस्तावित की गई है:
भारतीय रेलवे ने अपने रोडमैप में कहा है कि जल निकासी प्रणाली के साथ आरयूबी को प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि वे मार्ग में कम हैं और इसे तेजी से लागू किया जा सकता है. इसके अलावा, आरयूबी को कम निवेश की जरूरत होती है. इस परियोजना के लिए राज्य सरकारों से कोई धनराशि प्रस्तावित नहीं की गई है. इस लागत का 100 प्रतिशत राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर द्वारा ही वहन किया जाएगा.
रोडमैप में कहा गया है कि रेलवे को अगले चार सालों में केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. इसके अलावा, भारतीय रेलवे दूसरे हैवी ट्रॉफिक क्लासेस के साथ-साथ मानव-स्तर के क्रॉसिंग को भी समाप्त करने की योजना बना रहा है.
इस साल की शुरुआत में भारतीय रेलवे ने सभी मानवरहित स्तर के क्रॉसिंग को खत्म करने की प्रक्रिया पूरी की. लोगों के रेलवे ट्रैक पार करने के लिए भारतीय रेलवे ने कई फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) और सबवे भी बनाए है.