जम्मू। अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई सोमवार से शुरू होने वाली है, जिसमें बालटाल और पहलगाम दोनो मार्गों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. दक्षिण कश्मीर के हिमालय की पहाड़ियों में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी की गुफा की 40 दिन की यात्रा दोनों मार्गों से शुरू होगी. सुरक्षा व्यवस्था के साथ और सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है. सुरक्षा बलों ने यात्रा मार्गों को साफ करना शुरू कर दिया है. केंद्र ने अमरनाथ यात्रा की बहु-स्तरीय सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के 40,000 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है. अनुमान के तहत जम्मू से लेकर गुफा तक करीब 60 हज़ार सुरक्षाबलों के जवान तैनात रहेंगे.
अमरनाथ श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू से कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को रवाना होगा और इस संबंध में आवश्यक प्रबंध कर लिए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि अब तक देश भर से करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने 46 दिन चलने वाली यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है. यह यात्रा अनंतनाग जिले के 36 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गांदेरबल जिले के 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से होती है. साधुओं समेत सैकड़ों श्रद्धालु जम्मू पहुंचना शुरू हो गए हैं और तीर्थयात्रा को लेकर अत्यंत उत्साहित हैं.
जम्मू के मंडल आयुक्त संजीव वर्मा ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुविधा और यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा समेत सभी जरूरी प्रबंध कर लिए गए हैं. यात्रा 15 अगस्त को खत्म होगी. जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एमके सिन्हा ने कहा कि खतरे की आशंका के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर लखनपुर (जम्मू-कश्मीर के लिए प्रवेश द्वार) से लेकर आधार शिविरों, आश्रय केंद्रों, ठहराव स्थानों और सामुदायिक किचन स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक के साथ कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक एस पी पाणि और गांदरबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहम्मद खलील पोसवाल थे. उन्होंने कहा कि सिंह ने यात्रा के मार्ग और हेलीपैड पर सुरक्षा और संचार व्यवस्था की समीक्षा की. डीजीपी ने इन स्थानों पर पहुंच नियंत्रण का जायजा लिया और बालटाल में संयुक्त पुलिस नियंत्रण कक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक की.