नई दिल्ली। One Nation-One Card, केन्द्र सरकार ने राशन कार्ड धारकों, उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए एक राष्ट्र एक कार्ड की योजना शुरू करने को फैस्ला किया है । इस योजना के बाद किसी भी राशन कोर्ड धारक को किसी भी राज्य में राशन की दुकान से राशन मि सकता है । इस योजना का फायदा उन लोगों को मिलेगा जो काम की तलाश में अपना गांव, शहर छोड़ दूसरे शहर आते हैं । वो अपने राशन कार्ड का प्रयोग कर उस शहर में भी सस्ता राशन प्राप्त कर सकते हैं ।
आधार से जुड़ा राशनकार्ड
इससे पहले ही केन्द्र सरकार ने राशनकार्उ को आधार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी की, जिसके चलते इस प्रणाली में चोरी और धांधली रोकने में जबर्दस्त सफलता मिली । अब One Nation-One Card योजना के पीछे उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाना ही सरकार का उद्देश्य है । रियायती अनाज वाली सरकारी राशन की दुकानों से कोई भी किसी भी राज्य का राशन कोर्ड धारक अनाज ले सकेगा । नौकरियों के लिए शहरों की ओर आ रहे लोगों का इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा ।
कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान ने दी जानकारी
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से देशभर के खाद्य सचिवों की एक बैठक गुरुवार को दिल्ली में बुलाई गई थी । इस दौरान ही खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने एक राष्ट्र-एक कार्ड योजना की बात कही । पासवान ने कहा कि केन्द्र सरकार उपभोक्ताओं के हितों के लिए हर संभव कार्य करेगी । उन्होंने बताया कि इस योजना के बाद उपभोक्ताओं को किसी एक दुकान से बांध कर नहीं रखा जा सकेगा । ऐसा करने से राशन दुकानदारों की मनमानी और चोरी को बंद करने में मदद मिलेगी।
सफलतापूर्वक चल रही है प्रणाली
पासवान ने बताया कि देश के कुछ राज्यों, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में यह कार्यक्रम आईएमपीडीएस, यानी इंटीग्रेटड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के नाम से जाना जाता है । ये व्यवस्था इन राज्यों में लागू है और इस सिस्टम के तहत राशन कार्ड धारक राज्य के भीतर किसी भी जिले से अपने हिस्से का राशन किसी भी दुकान से ले सकते हैं । देशभर से बैठक में शामिल हुए खाद्य सचिवों को यह व्यवस्था बहुत अच्छी लगी । सभी इसे अपने-अपने राज्यों में लागू करने की स्वीकृति दे चुके हैं । इस मीटिंग में राशन प्रणाली के बारे में विस्तार से बातचीत हुई, एफसीआई, केंद्रीय भंडारण निगम, राज्य भंडारण निगम और निजी क्षेत्र के गोदामों में अनाज को अब ऑलाइन कर दिया गया है, ताकि पूरी प्रणाली पारदर्शी रहे ।