नई दिल्ली। जय श्री राम के नारे पर पूरे देश में ही बवाल हो रहा है । ऐसे में कांग्रेस नेता कांग्रेस नेता और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने एक ट्वीट के जरिए तंज कसने की कोशिश की । श्री राम का एक कार्टून वाला ट्वीट कर उसे कैप्शन दे दिया, ‘जय श्री राम’ । पोस्ट में एक शख्स को पेड़ से बंधा हुआ दिखाया गया है, आसपास खड़ी भीड़ उसे पीटते हुए दिखाई दे रही है । वहीं श्री राम हाथ जोड़े खड़े नजर आ रहे हैं, कह रहे हैं मेरे नाम पर नहीं । थरूर की ओर से ट्वीट की गई ये पिक्चर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है । हालांकि थरूर को ट्विटर पर जमकर ट्रोल किया गया है ।
शशि थरूर से पूछे सवाल
राम का कार्टून ट्वीट करने पर थरूर से सवाल पूछे जा रहे हैं क्या कभी वो किसी और धर्म के साथ ऐसा करना चाहेंगे । एक यूजर ने उन्हें यहां तक कह दिया कि ‘कभी ‘अल्ला हू अकबर’ बोलकर मारने वालों का भी कार्टून ट्वीट करो।’ वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा – ‘मेरा सिर्फ एक ही सवाल है क्या मिस्टर शशि थरूर अल्लाहु अकबर के खिलाफ उसी साहस के साथ लिख सकते हैं?’ वहीं एक यूजर ने लिखा – ‘अब तो मुझे पूरा विश्वास हो गया कि कांग्रेस केवल मुसलमानों की ही पार्टी है। कौन मूर्ख हिन्दू हैं जो कांग्रेस को वोट देते हैं?
गुस्से भरे रीट्वीट
भगवान के नाम पर ऐसे ट्वीट करने वाले शशि थरूर को ऐसे कई कमेंट से दो चार होना पड़ा । ट्वीटपर एक यूजर ने कमेंट किया ‘उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब इसी तरह का कार्टून ‘अल्ला हू अकबर’ के नाम पर भी बनाया जाएगा।’ इतना ही नहीं कई यूजर्स ने इस ट्वीट में इस्तेमाल तस्वीर को दूसरी तरह से बनाकर भी भेजा है । जिसमें एक युवक को दूसरे संप्रदाय के लोगों ने बांधा हैं और पीटा जा रहा है । इस तरह के ट्वीट पिक्चर्स सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं । दरअसल शशि थरूर ने यह ट्वीट झारखंड में जय श्री राम के नारा न बोलने पर एक युवक की मौत के बाद किया है।
भीड़ की पिटाई से मौत
आपको बता दें झारखंड में बाइक चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी नाम के 24 वर्षीय मुस्लिम युवक को भीड़ ने जबरन पीटा। पिटाई के दौरान उसे जय श्री राम का नारा बोलने के लिए कहा । युवक ने नारे को दोहराया भी । जब भीड़ पीटकर थक गई तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया । पुलिस हिरासत में तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई ।वहीं पश्चिम बंगाल में भी कथित तौर पर जय श्री राम न बोलने पर एक स्कूल टीचर को जबरन पीटा गया । हालांकि ऐसे मामले बेहद निंदनीय हैं, इन पर बात करना भी जरूरी है लेकिन जब आवाज एकतरफा उठाई जाती है तो लोगों का भड़कना भी जायज लगता है ।