हैदराबाद। पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के अमरावती सिथत आवास को तोड़ने के आदेश दे दिए गए हैं । मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ‘प्रजा वेदिका’ बिल्डिंग को तोड़ने की अनुमति दे दी है । फिलहाल, चंद्रबाबू नायडू ‘प्रजा वेदिका’ में ही रह रहे हैं । कुछ दिन पहले ही चंद्रबाबू नायडू ने जगनमोहन रेड्डी को चिट्ठी लिखकर ‘प्रजा वेदिका’ को नेता विपक्ष का सरकारी आवास घोषित करने की मांग की थी । लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मांग को ठकरा दिया लगता है ।
सरकार ने कब्जे में ली बिल्डिंग
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार की ओर से शनिवार को ही एन. चंद्रबाबू नायडू के अमरावतीस्थित आवास प्रजा वेदिका को अपने कब्जे में ले लिया गया । तेलुगू देशम पार्टी ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया । विपक्ष का आरोप है कि नई सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति कोई सद्भावना नहीं दिखाई । उनके सामान को भी घर से बाहर फेंक दिया गया । आपको बता दें चंद्रबाबू नायडू तब से इस आवास में रह रहे थे, जब से आंध्र प्रदेश ने अपना प्रशासन हैदराबाद से अमरावती शिफ्ट किया था ।
5 करोड़ की लागत वाला बंगला
प्रजा वेदिका का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरणके अंतर्गत तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास के रूप में करवाया था । लगभग 5 करोड़ रुपए में बने इस आवास का इस्तेमाल, चंद्रबाबू आधिकारिक कार्यों के साथ – साथ पार्टी की बैठकों के लिए करते थे । नायडू ने इस महीने की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखा था और बंगले का उपयोग बैठकों के लिए करने देने की इजाजत मांगी थी ।
टीडीपी नेता नाराज
टीडीपी नेता और विधान परिषद के सदस्य अशोक बाबू ने मामले में कहा कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के साथ सही बर्ताव नहीं किया । उन्होने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी समान को बाहर फेंक दिया । अनका आरोप है कि परिसर को कब्जे में लेने के सरकार के निर्णय के बारे में पार्टी तक नहीं बताया गया । मामले में राज्य के नगरपालिका मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने तंज कसते हुए कहा कि नायडू के साथ उसी तरह का बर्ताव हो रहा है, जिस तरह का बर्ताव जगन मोहन रेड्डी के साथ किया गया था ।