लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की बैठक हुई. इस बैठक में पार्टी को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए. इसमें बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी उपाध्यक्ष पद अपने भाई आनंद कुमार को दिया है. जबकि इससे पहले मायावती ने आनंद कुमार को पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटाया था, लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने पार्टी में नंबर 2 की पोजिशन अपने भाई को दे दी है.
साथ ही इस बैठक में उन्होंने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में मायावती करीब 25 मिनट तक बोलीं. उन्होंने कहा कि एसपी के लोग ये कह रहे हैं कि उनकी बदौलत बीएसपी 10 सीटें जीती है तो वो लोग अपने गिरेबां में झांके. सच्चाई ये है कि एसपी अगर 5 सीटें भी जीत पाई तो सिर्फ इसलिए कि बीएसपी ने उसका साथ दिया. उपचुनाव में हमें ये दिखाना है कि ये जीत हमारी अकेले की जीत है जिसका क्रेडिट एसपी के लोग ले रहे हैं.
सपा ने दिया धोखा, अखिलेश ने कुछ नहीं किया
मायवती ने कहा कि एसपी के लोगों ने चुनाव में धोखा दिया कई जगहों पर बीएसपी को एसपी के नेताओं ने हराने का काम किया. धार्मिक ध्रुवीकरण को लेकर समाजवादी पार्टी काफी डरी हुई थी इसलिए वो खुलकर मुद्दों को उठाने से कतराती रही. मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र की तारीफ की और कहा कि जो लोग इनकी शिकायत कर रहे हैं वो जान लें कि सतीश चंद्र मिश्रा मुश्किल वक्त में पार्टी और मेरे साथ खड़े रहे. मायावती ने पुराने वक्त को भी याद किया और कहा कि मेरे ऊपर दर्ज केसों में समाजवादी पार्टी के नेताओं का बड़ा हाथ रहा है.
इसके अलावा मायावती ने लोकसभा चुनाव में एसपी पर बीएसपी के खिलाफ प्रचार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अखिलेश से कई बार शिकायत की मगर भितरघात होता रहा. अखिलेश ने अपने लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की. नतीजे आने के बाद भी संपर्क किया मगर अखिलेश ने कोई बात नहीं की. मुझे उन्हें बताना चाहिए था कि आप के लोगों ने कहां-कहां सहयोग नहीं किया.
अखिलेश ने फोन तक नहीं किया- मायावती
अखिलेश यादव पर कड़ा प्रहार करते हुए मायवती ने कहा कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने मुझे कोई फोन नहीं किया. जबकि सतीश चंद्र मिश्रा ने उन्हें फोन कर मुझसे बात करने के लिए कहा था, बावजूद इसके उन्होंने कोई संपर्क नहीं किया.
बैठक में आगे बोलते हुए मायवती ने कहा कि मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और काउंटिंग के दिन उन्हें फोन कर परिवार के हारने पर अफसोस भी जताया. 3 जून को जब दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन तोड़ने की बात हुई तब भी उन्होंने मिश्रा जी को फोन किया लेकिन मुझसे कोई बात नहीं की. उन्होंने मुझे मैसेज भिजवाया कि मैं मुसलमानों को ज्यादा टिकट न दूं, इससे धार्मिक ध्रुविकरण होगा, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी.
मायावती ने कहा कि अखिलेश के राज में गैर-यादव पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई, इसलिए उन्होंने गठबंधन को वोट नहीं दिया. समाजवादी पार्टी ने दलितों के प्रमोशन का विरोध किया था इसलिए उन्होंने हमारा विरोध किया. बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष को एसपी के बड़े नेता ने हरवाया उन्होंने अपना वोट बीएसपी के बजाए बीजेपी को ट्रांसफर करवाया. अभी बीएसपी किसी मुद्दे पर कोई धरना-प्रदर्शन नहीं करेगी.