नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए पाकिस्तान ने भारत के सभी प्रस्तावों का विरोध करते हुए अपनी कई शर्तें और नियम तय कर दिए हैं. भारत का प्रस्ताव है कि सिखों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक करतारपुर कॉरिडोर को पूरे साल खोला जाए ताकि तीर्थयात्रियों को सहूलियत हो. लेकिन पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. करतारपुर सिखों के पहले गुरु नानक देव की कर्मस्थली है. पाकिस्तान ने भारत के सभी प्रस्तावों का विरोध करते हुए कहा कि सिर्फ 700 तीर्थयात्री ही करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में दर्शन कर सकते हैं.
भारत के प्रस्ताव, पाक का इनकार
एक सरकारी अफसर के मुताबिक पाकिस्तान ने कहा कि तीर्थयात्रियों को करतारपुर स्पेशल परमिट सिस्टम के तहत ही आने दिया जाएगा साथ ही इसके लिए शुल्क भी चुकाना होगा. वहीं भारत का प्रस्ताव था कि तीर्थयात्रियों के करतारपुर आने पर न तो कोई वीजा लगे और न ही कोई ट्रैवल फीस. भारत का यह भी प्रस्ताव था कि भारतीय नागरिकों के अलावा प्रवासी भारतीयों को भी तीर्थयात्रा पर आने की इजाजत दी जाए. लेकिन पाकिस्तान ने इसके लिए मना कर दिया और कहा कि सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही आने की इजाजत दी जाएगी.
700 यात्रियों को ही इजाजत
भारत का यह भी प्रस्ताव था कि तीर्थयात्रियों को पूरे साल और हफ्ते के सातों दिन तीर्थयात्रा करने दी जाए. लेकिन पाकिस्तान यहां भी अड़ा रहा. उसने कहा कि तीर्थयात्रियों को जब अनुमति दी जाएगी, तभी वह आ पाएंगे. भारत का कहना था कि हर दिन 5 हजार लोगों को तीर्थयात्रा की इजाजत दी जाए लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि 700 से ज्यादा तीर्थयात्रियों को इजाजत नहीं दी जाएगी.
हालांकि पाकिस्तान ने भारत के उस प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं दिया, जिसमें कहा गया था कि खास दिनों पर 10 हजार लोगों को दर्शन की अनुमति दी जाए. भारत ने कहा कि चाहे व्यक्ति अकेला हो या समूह में हो, उसे आने की इजाजत मिलनी चाहिए. लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि 15 लोगों के समूह को ही आने की इजाजत दी जाएगी.
रावी नदी पर पुल निर्माण के भारत के प्रस्ताव पर भी पाकिस्तान ने इनकार कर दिया. इसके अलावा करतारपुर साहिब कॉरिडोर में तीर्थयात्रियों के पैदल आने के प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं दिया. एक अधिकारी ने कहा, ”पाकिस्तान के असहयोग के बावजूद करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और प्रोजेक्ट 12 नवंबर 2019 से पहले खत्म हो जाएगा. इस दिन गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश वर्ष है.”
प्रोजेक्ट लटकाने की कोशिश में पाक
इसके अलावा पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग (पीटीबी) का काम भी तेजी से चल रहा है. साथ ही जीरो पॉइंट को जोड़ने वाले 4 लेन हाईवे का निर्माण कार्य भी जारी है. 4 लेन हाईवे 4.20 किलोमीटर लंबा है और यह मौजूदा गुरदासपुर-अमृतसर एनएच 354 हाईवे को जीरो पॉइंट से जोड़ेगा. इस प्रोजेक्ट पर काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) कर रही है, जिस पर 120 करोड़ रुपये लागत आएगी.
इसके लिए 53 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है और अब तक 45 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. लेकिन पाकिस्तान के साथ जो समझौता हुआ है, उसके तहत डेडलाइन पर काम नहीं चल रहा है. पाकिस्तान अपनी ओर से इस प्रोजेक्ट का काम लटकाने की कोशिश कर रहा है. भारत सरकार 30 सितंबर तक काम पूरा कर देना चाहती है.