इस्लामाबाद। बंदी बनाए गए भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की रिहाई रोकने के लिए पाकिस्तान के एक नागरिक ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर कहा है कि उन्होंने देश के खिलाफ अपराध किया है और इसलिए उनके खिलाफ यहीं सुनवाई होनी चाहिए। नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की वायुसेना के बीच हुए संघर्ष के दौरान बुधवार को मिग-21 पाकिस्तान की सीमा में गिर गया था। मिग21 में सवार पायलट अभिनंदन को पाकिस्तान ने बंदी बना लिया था। हालांकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को तय किया कि वह दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिहाज से बातचीत शुरू करने के लिए ‘पहले कदम’ के रूप में पायलट को रिहा करेगा। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि अदालत भारतीय वायुसेना के पायलट को भारत को सौंपने के इमरान खान सरकार के फैसले पर रोक लगाए। याचिका दायर करने वाले का कहना है कि भारतीय पायलट ने देश में बम गिराने के लिए उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है और उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपराध किया है, इसलिए उनके खिलाफ सुनवाई यहीं होनी चाहिए।
अदालत ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अथर मिन्हाल्ला पायलट अभिनंदन को भारत को सौंपे जाने से पहले इस पर सुनवाई करेंगे। अभिनंदन को संभवत: शुक्रवार शाम वाघा-अटारी सीमा पर भारत को सौंपा जाएगा। पाकिस्तान रेंजर्स के सूत्रों ने बताया कि भारतीय पायलट को शाम करीब चार बजे भारत को सौंपा जाना है।