म्यूनिख। ‘एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी’… पाकिस्तान पर यह कहावत ठीक चरितार्थ होती है. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर भीषण हमले को पाक समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा अंजाम दिए जाने के बावजूद वह मानने को तैयार नहीं कि इस हमले में उसकी कोई भूमिका है. इस हमले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की तरफ से आई प्रतिक्रिया में कहा गया है कि भारत को “अधिक जिम्मेदारी से काम करना चाहिए”
साथ ही उनकी तरफ से पूछा गया कि क्या नई दिल्ली “क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है या आगामी चुनावों पर ध्यान दे रहा है?”
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के मौके पर बोलते हुए कुरैशी ने कहा कि “मुझे मिली पहली खबर यह थी कि यह घटना कश्मीर के पुलवामा में हुई थी. “मैं इस घटना में हुई मौतों और इससे प्रभावित हुए लोगों को लेकर दुखी थी. यह जानकर भी काफी दुख हुआ कि इस घटना में भारतीय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मारे गए और घायल हुए.
हालांकि, भारत द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “पाकिस्तान पर आरोप लगाना बहुत आसान है.”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान बहुत स्पष्ट है. हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है और विशेष रूप से इस सरकार का रुख स्पष्ट और सरल रहा है. हम शांति की इच्छा रखते हैं”. उन्होंने कहा कि “हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं. हम न तो हिंसा के रास्ते पर चलते हैं और न ही यह कभी हमारे इरादों का हिस्सा रहा है.”
उन्होंने आगे कहा कि “मैं इस घटना की निंदा करता हूं. मेरा मानना है कि हमारी तरफ से कभी हिंसा नहीं हुई है. यह हमारी सरकार की नीति नहीं है.”
विदेश मंत्री ने टिप्पणी की कि भारत को अधिक जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और सबूत साझा करके पाकिस्तान के साथ खुद को जोड़ना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि “अब मैं थोड़ा दुखी हूं कि भारत ने भी इस घटना की जांच पूरी नहीं की और तत्काल प्रतिक्रिया में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ आरोप लगा दिए.