नई दिल्ली। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाला आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की सरजमी पर ही पल रहा है. भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले उसके जैसे कई आतंकी संगठन आतंकिस्तान बन चुके पाकिस्तान की पनाह में है. उन आतंकी संगठनों के सरगना वहां बैठकर हर वक्त भारत के खिलाफ आग उगलते हैं. खुलेआम भारत को धमकी देते हैं. ऐसे ही तीन आतंकवादी हैं, जो आज भारत के सबसे बड़े दुश्मन है. इन तीन आतंकियों का खात्मा बहुत ज़रूरी है. हम आपको भारत के इन तीन दुश्मनों की काली करतूतों के बारे में बताते हैं.
दुश्मन नंबर 1 मसूद अज़हर
बहावलपुर में मदरसों के नाम पर हिंदुस्तान का दुश्मन नंबर एक यानी मसूद अज़हर पाकिस्तान से दहशतगर्दी की दुकान चला रहा है. भारतीय फौज के जांबाज़ कमांडो ने बस ज़रा सा ट्रेलर ही दिखाया था कि पाकिस्तान में बैठे भारत के दुश्मनों के पसीने छूट गए. मसूद अजहर भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नए ठिकाने पर रहने लगा है. सूत्रों के मुताबिक अब हाफ़िज़ सईद और मसूद दोनों अपने-अपने मदरसों और संगठन के हेडक्वार्टर से दूर कुछ चुनिंदा गुर्गों के साथ घनी आबादी के बीच रहने चले गए हैं. इसके पीछे उनकी सोच ये है कि घनी आबादी के बीच रहना ज्यादा महफूज है. पठानकोट हमले के मास्टर माइंड और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशों पर चीन के लगातार लगते वीटो से सरकार इस मसले पर नए तरीके तलाश रही है. भारत के पास पठानकोट हमले का बदला लेने और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन पर लगाम लगाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का ऑप्शन जरूर मौजूद है. हाल ही में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली है.
दुश्मन नंबर 2 हाफ़िज़ सईद
ठीक इसी तरह हाफ़िज़ सईद भी पाकिस्तान के ही मुरीद के इलाक़े में रह कर अलग-अलग नामों से दहशत की दुकान चलाता है. हाफिज सईद अपने ठिकाने बदलता रहता है. वो अपनी जान बचाने के लिए घनी बस्तियों में लोगों के बीच जाकर छुप जाता है. भारत के सर्जिकल स्ट्राइक और इंटरनेशनल प्रेशर का ही असर है कि पाकिस्तान अब खुलकर हाफ़िज़ सईद का साथ नहीं पाता. पाकिस्तान ने दुनिया को दिखाने के लिए हाफिज सईद की नजरबंदी भी की थी. पाक का कहना है कि उसकी गतिविधियां देश में शांति के लिए खतरा थीं. हाफिज सईद के साथ पंजाब गृह विभाग ने उसके चार साथी अब्दुल्ला उबेद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन को भी नजरबंद किया था. गौरतलब है कि मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का संगठन जमात-उद-दावा पाकिस्तान में स्वतंत्र है. उसने वहां चुनाव भी लड़ा था लेकिन वो बुरी तरह से हार गया था.
दुश्मन नंबर 3 सैयद सलाहुद्दीन
सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह को सैयद सलाहुद्दीन के नाम से ही जाना जाता है. उसका मकसद कश्मीर को आजाद कराना है. सलाउद्दीन ने पिछले साल धमकी दी थी कि वह जम्मू-कश्मीर को भारतीय सैनिकों की कब्रगाह बना देगा. भारत पिछले कुछ समय से इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने में जुटा था. उसके पिता भारतीय डाक विभाग में काम करते थे. अपने अपने परिवार में सातवीं संतान है. पहले उसने मेडिसिन की पढ़ाई की लेकिन वह सिविल सर्विस में जाना चाहता था. बाद में उसका रुझान जमात-ए-इस्लामी संगठन की तरफ हो गया और वह उस संगठन के लिए कश्मीर में काम करने लगा.
1987 में उसने श्रीनगर की अमीराकदल विधान सभा सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन मतगणना के दौरान वह जीत रहा था लेकिन उसी वक्त उस पर बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगे और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसके गिरफ्तार हो जाने के बाद वहां जमकर हंगामा हुआ. उसके बाद सलाहुद्दीन को धमकियां दिए जाने की बात सामने आई. लेकिन जेल से छूटकर आने के बाद उसने ऐलान किया कि कश्मीर को आजाद कराने के लिए बंदूक का सहारा लेना ही सही होगा. इसके बाद सलाहुद्दीन ने हिज्ब-उल-मुजाहिदीन की सदस्यता ले ली. उसके बाद वह आईएसआई के संपर्क में आ गया. पाक खुफिया एजेंसी के इशारे पर ही वो संगठन का मुखिया बन बैठा. तभी से वह भारत के खिलाफ साजिश रचता रहता है. एनआईए ने उसे मोस्ट वॉन्टेड घोषित कर रखा है.
घर में घुसकर मारें
पुलवामा हमले के बाद भारत के लोग चाहते हैं कि इन आतंकवादियों को उसी तरह से घर में घुसकर मारा जाए, जैसे ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी नेवी सील ने उसके घर में घुस कर मारा था. देश की जनता को इंतजार है कि कब हिंदुस्तान भी ऐसा ही ऑपरेशन अंजाम देगा और निशाने पर कोई और नहीं बल्कि होंगे हिंदुस्तान के दुश्मन नंबर एक, दो और तीन होंगे. वैसे तो ये तीनों बहुत पहले से ही हिंदुस्तानी एजेंसियों की रडार पर हैं. लेकिन पुलवामा हमले के बाद सरकार और सेना इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की योजना बना सकती है.