श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने एक आत्मघाती हमला कर घाटी में अब तक के सबसे क्रूरतम हमले को अंजाम दिया. इस हमले में 30 सीआरीपीएफ जवानों के शहीद होने की बात कही जा रही है. इस हमले में 40 से ज्यादा जवान घायल हैं. अधिकारियों के अनुसार जैश के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 30 जवान शहीद हो गये. यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है.
सीआरपीएफ के महानिदेशक आरआर भटनागर ने बताया, ‘यह एक विशाल काफिला था तथा करीब 2500 सुरक्षाकर्मी विभिन्न वाहनों में जा रहे थे. काफिले पर कुछ गोलियां भी चलायी गईं.’ यह काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे चला था और माना जा रहा था कि इसे सूर्यास्त तक श्रीनगर पहुंचना था.
क्यों ज्यादा थी जवानों की संख्या
अधिकारियों ने बताया कि घाटी लौट रहे कर्मियों की संख्या अधिक थी, क्योंकि राजमार्ग पर पिछले दो-तीन दिन से खराब मौसम और अन्य प्रशासनिक कारणों से कोई आवाजाही नहीं हो रही थी. इसी कारण इस बार काफिले में जवानों की संख्या ज्यादा थी. आम तौर पर काफिले में करीब 1000 कर्मी चलते हैं किंतु इस बार कर्मियों की कुल संख्या 2547 थी.
अधिकारियों ने बताया कि सड़क पर मार्ग को परखने के लिए एक दल को तैनात किया गया था और काफिले में आतंक निरोधक बख्तरबंद वाहन मौजूद थे. इस हमले के बाद फारेंसिक एवं बम विश्लेषक दल मौके पर पहुंच गये हैं. अधिकारियों ने बताया कि हमले के केन्द्र में रही बस बल की 76वीं बटालियन की थी और उसमें 39 कर्मी सवार थे.
कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (अभियान) जुल्फीकार हसन ने इसे वाहन से किया गया हमला करार दिया और कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने मामले की जांच अपने हाथ में ली है.